Rajasthan

rajasthan goverment helth scame | RAJASTHAN RGHS—61 हजार की पालिसी को किया 1.05 लाख की,कार्ड भी ब्लॉक,अब बीमार पेंशनर्स तरस रहे हैं इलाज के लिए

बोर्ड-निगमों के पेंशनर्स के लिए मुसीबत बनी आरजीएचएस

परियोजना निदेशक के आदेश के बाद असाध्य बीमारियों से जूझ रहे पेंशनर्स के कार्ड किए ब्लॉक, न दवा ले पा रहे और न ही करा पा रहे इलाज

जयपुर

Updated: April 12, 2022 08:26:25 am

जयपुर. राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) प्रदेश के पेंशनर्स के लिए खासी मुसीबत साबित हो रही है। योजना में लगे अफसरों के कुप्रबंध और लापरवाही से कभी पेंशनर्स कभी दवा की दुकानों पर धक्के खाते हैं तो कभी मोटे प्रीमियम के लिए उनके कार्ड ब्लॉक कर दिए जाते हैं। आरजीएचएस के इसी कुप्रबंधन का खमियाजा इन दिनों राजस्थान राज्य बीज निगम के 19 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारी भुगत रहे हैं। योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों ने 61 हजार रुपए जमा करा दिए। लेकिन अब उनसे इस पॉलिसी के लिए 1 लाख 5 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं। वहीं इन सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कार्ड भी ब्लॉक कर दिए गए हैं। इससे अब उनके सामने गंभीर बीमारियों का उपचार कराने का संकट भी खडा हो गया है।

RGHS Scheme: दवा की प्रक्रिया बनी पेचीदा, पेंशनर्स हो रहे परेशान

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सितंबर के आदेश से 61 हजार जमा करा दिए बीज निगम से सेवानिवृत्त इन पेंशनर्स ने पत्रिका को अपनी व्यथा बताई। इन पेंशनर्स ने बताया कि 1 सितंबर 2021 के आदेश के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए एकमुश्त 61 हजार रुपए के हिसाब से 19 पेंशनर्स ने 11 लाख 59 हजार रुपए जमा करा दिए। पेंशनर्स योजना से लाभ मिलने की अनुमति के लिए अपने कार्ड एक्टिव होने का इंतजार कर रहे थे कि 24 मार्च को परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने एक आदेश जारी कर दिया कि योजना का लाभ लेने के लिए 1 लाख 5 हजार रुपए जमा कराने पर ही कैशलैस मेडिकल सुविधा मिलेगी। योजना से जुडे अधिकारियों से पेंशनर्स ने इस राशि को बढ़ाने का कारण पूछा तो उनको एक ही जवाब दिया जा रहा है कि इस मामले में आला अफसर ही बता सकते हैं।

छह माह की अवधि में ही बढ़ाया 44 हजार प्रीमियम पेंशनर्स का कहना है कि छह माह पहले सितंबर में योजना का लाभ लेने के लिए 61 हजार रुपए प्रीमियम राशि तय हुई थी जिसे जमा भी कराया गया। लेकिन अचानक छह माह में ही प्रीमियम 44 हजार रुपए बढ़ा देना समझ से बाहर है। अगर बढ़ाना ही था तो कम से कम तीन माह का समय देना चाहिए था जिससे वे अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करने में परेशानी नहीं आती।

इससे सस्ती पॉलिसी तो बाजार से ही खरीद लेंगे अब इन पेंशनर्स के सामने सबसे बड़ी समस्या अपनी उम्र से जुडी बीमारियों के उपचार को लेकर है। इनके कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। अब न ये मेडिकल स्टोर से दवाई ले सकते हैं और न ही किसी अस्पताल में कैशलैस अपना उपचार करा सकते हैं। अब इलाज के लिए जेब से ही पूरी राशि खर्च करनी पड़ रही है। उनका कहना है कि इससे सस्ती पॉलिसी तो वे बाजार से ही खरीद सकते हैं।

पुराने प्रीमियम पर ही मिले सुविधाराज्य सरकार के आदेश से ही हमने 61 हजार रुपए जमा करा दिए। लेकिन 44 हजार अतिरिक्त प्रीमियम मांगा जा रहा है। पेंशनर्स किसी तरह अपना खर्च चलाते हैं। पुराने प्रीमियम पर ही हमारे कार्ड एक्टिव किए जाएं।

– चौथमल गुप्ता, पेंशनर बीज निगम पेंशनर्स के लिए यह योजना मुसीबत बन गई है। योजना का खर्च नहीं संभलने का खमियाजा पेंशनर्स पर डाला जा रहा है। राज्य सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और पुराने प्रीमियम पर ही हमें यह सुविधा उपलब्ध करवाए।-

हीरेन्द्र इंदौलिया, पेंशनर्स बीज निगम

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