World

जहां जुटे आतंकी, वहीं से पाक PM शहबाज ने फोड़ा UN वाला ‘बम’, शराफत का नकाब ओढ़े शरीफ का दोगलापन तो देखिए

Agency:पीटीआई

Last Updated:February 06, 2025, 09:47 IST

Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीओके में कश्मीर मुद्दे पर भारत से बातचीत की पैरवी की, जबकि जैश और लश्कर के आतंकी वहीं जुलूस निकाल रहे थे.जहां जुटे आतंकी, वहीं से शहबाज ने फोड़ा UN वाला 'बम', शरीफ का दोगलापन तो देखिए

आतंकियों को जुटाकर शहबाज शांति की बात कर रहे हैं.

हाइलाइट्स

शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की पैरवी की.पीओके में जैश और लश्कर के आतंकी जुलूस निकाल रहे थे.शरीफ ने आर्टिकल 370 और यूएन का जिक्र किया.

नई दिल्ली: पाकिस्तान के डबल स्टैंडर्ड से दुनिया वाकिफ है. एक तरफ आतंकियों को पालता-पोसता है. दूसरी तरफ मुखौटा ओढ़ता है कि हम तो जी खुद आतंकग्रस्त हैं. भारत से दुश्मनी निभाने के लिए पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है. उसे पैसे देता है. जगह देता है. एक तरह से सबकुछ करता है. जब इंटरनेशनल मंचों पर भारत उसकी पोल खोलता है तो नाम का कुछ एक्शन ले लेता है. अब एक बार फिर से पाकिस्तान की पोल खुली है. पीओके में बुधवार को आंतकियों का जमावड़ा था. जैश और लश्कर के आतंकियों ने जुलूस तक निकाला. उसी वक्त पीओके की जमीन से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत से बातचीत की पैरवी भी कर रहे थे. पाक के कब्जे वाले कश्मीर से शहबाज शरीफ ने एक बार फिर यूएन वाला बम फोड़ा है.

जी हां, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश कश्मीर समेत सभी मुद्दों को भारत के साथ बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है. हालांकि, इस दौरान उन्होंने अपना डबल स्टैंडर्ड भी दिखा दिया. शहबाज शरीफ ने कश्मीरी लोगों बरगलाने की कोशिश की और उनके प्रति अपना अटूट समर्थन दोहराया. शहबाज शरीफ ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ ​​के मौके पर मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे. यह दिवस कश्मीरियों के प्रति समर्थन प्रदर्शित करने के लिए पाकिस्तान द्वारा हर साल मनाया जाता है. इसी मौके पर जैश, लश्कर और हमास के आतंकी भी पीओके में जुटे थे.

शरीफ का यूएन वाला बमपीओके की विधानसभा में शहबाज शरीफ ने कहा, ‘हम कश्मीर सहित सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिए चाहते हैं.’ हालांकि, वह इस दौरान जहर उगलने से बाज नहीं आए. उन्होंने अपने संबोधन में आर्टिकल 370 का जिक्र किया. यूएन का जिक्र कर उन्होंने भारत को नसीहत देने की हिमाकत की. शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत को पांच अगस्त 2019 की सोच से बाहर आना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए तथा वार्ता शुरू करनी चाहिए.बता दें कि भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था. साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.

पाक ने अब क्या बोल दियापाकिस्तान बार-बार भारत से बातचीत प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बातचीत है, जैसा कि 1999 के लाहौर घोषणापत्र में पहले ही लिखा गया है और जिस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पाकिस्तान यात्रा के दौरान सहमति बनी थी. यहां ध्यान देने वाली बात है कि भारत ने बार-बार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध चाहता है.भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा देश का अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे. भारत की ओर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी.

शरीफ का डबल स्टैंडर्डएक ओर शहबाज शरीफ भारत से रिश्ते ठीक करने की बात कर रहे थे. बातचीत की वकालत कर रहे थे. दूसरी तरफ वो भारत पर झूठा आरोप भी मढ़ रहे थे. शहबाज शरीफ ने भारत पर हथियार जमा करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हथियार जमा करने से शांति नहीं आएगी और इस क्षेत्र के लोगों की किस्मत नहीं बदलेगी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत से समझदारी से काम करने का आग्रह किया और कहा कि प्रगति का रास्ता शांति है. यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है शांति की बात करने वाला पाकिस्तान अक्सर शांति की छांव में रहकर दहशतगर्दी ही फैलाना चाहता है.


Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

February 06, 2025, 09:42 IST

homeworld

जहां जुटे आतंकी, वहीं से शहबाज ने फोड़ा UN वाला ‘बम’, शरीफ का दोगलापन तो देखिए

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj