Youth committed suicide due to cancellation of reet paper depressed by giving 40 lakh rupees to brokers shocking crime rjsr

दौलत पारीक.
टोंक. राजस्थान में रीट परीक्षा (REET Exam) के लेवल-2 का पेपर रद्द होना भी अब जी का जंजाल बनने लग गया है. टोंक के नगर फोर्ट थाना इलाके में एक सरकारी कर्मचारी ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली है. यह मामला रीट के गड़बड़झाले से जुड़ा हुआ है. फांसी लगाकर जान देने वाले कर्मचारी ने सुसाइड नोट छोड़ा है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस कर्मचारी ने अपने करीब 20 रिश्तेदारों और परिचितों को रीट में पास करवाने के लिये लगभग 40 लाख रुपये ले रखे थे. ये रुपये उसने दो दलालों को दिये थे. लेवल-2 का पेपर रद्द होने के बाद ये लोग उस पर रुपये वापस लौटाने का दबाव बना रहे थे. इससे अवसाद में आये कर्मचारी ने जान दे दी.
पुलिस के अनुसार सुसाइड करने वाला युवक लोकेश कुमार मीणा (27) नगर फोर्ट थाना इलाके के रानीपुरा गांव का रहने वाला था. उसने मंगलवार को अपने घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. लोकेश पीडब्ल्यूडी कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त था. वह वर्तमान में बूंदी के नैनवां से प्रतिनियुक्ति पर हिंडोली में पदस्थापित था. घटना की जानकारी मिलने पर परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. लोकेश सोमवार रात को ही अपने घर लौटा था.
पुलिस ने किया घटनास्थल का मौका मुआयना
इस पर नगर फोर्ट थानाधिकारी सलीम खान, उनियारा पुलिस उपाधीक्षक शकील अहमद खान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टोंक सुभाष चन्द्र घटनास्थल पर पहुंचे और मौका मुआयना किया. घटनास्थल पर मृतक के भाई ने मृतक द्वारा फांसी लगाने में काम ली गई रस्सी और सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा. पुलिस ने एफएसएल टीम और एमओबी टीम को मौके पर बुलाकर इस घटना की जांच करवाई. बाद में शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया.
11 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया
इस संबंध में मृतक के पिता ने 11 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया है. पहले परिजनों ने लोकेश के शव को गांव के बाहर रखकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव का दाह संस्कार नहीं करेंगे. बाद में स्थानीय विधायक हरीशचंद्र मीणा मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि इस मामले का निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की जाएगी. बाद में विधायक और पुलिस उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर उनकी निगरानी में शव का दाह संस्कार कराया गया.
रुपये वापस देने के लिये दबाव बनाया जा रहा था
पुलिस जांच में सामने आया है कि लोकेश ने रीट परीक्षा में पास कराने के लिये अपने करीब 20 रिश्तेदारों और परिचितों से 40 लाख रुपये ले रखे थे. इनमें से उसने 24 लाख रुपये बाड़मेर के चौहटन निवासी कैलाश विश्नोई को दे रखे थे. जबकि 16 लाख जयपुर निवासी देवराज गुर्जर को दे रखे थे. रीट का एक पेपर रद्द होने के बाद रिश्तेदार और परिचित उससे रुपये वापस देने का दबाव बना रहे थे. इससे वह मानसिक रूप से परेशान था. लोकेश पहले भी सुसाइड की कोशिश कर चुका था. मृतक के पिता ने इन दोनों के नाम पुलिस को दी अपनी रिपोर्ट में भी दिये हैं.
पुलिस की पांच टीमें गठित, एक आरोपी को दबोचा
पुलिस ने मामले की जांच के लिए पांच टीमें गठित की हैं. उसके बाद एक आरोपी को दबोच भी लिया गया है. लेकिन अभी पुलिस ने उसके नाम का खुलासा नहीं किया है. मामला रीट परीक्षा से जुड़ा होने के कारण स्थानीय पुलिस ने इसकी जानकारी एसओजी को दे दी है. एसओजी रीट केस की जांच कर रही है.
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