निराला समाज @जयपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद यह साफ हो गया है की गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे , इसी के साथ यह भी जाहिर हो गया है सत्ता परिवर्तन के नाम पर राजस्थान में 2 दिन पूर्व मचा बवंडर अब थम सा गया है। उन्होंने राजस्थान में हुए घटनाक्रम के लिए सोनिया से माफी भी मांगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया से मिलकर आने के बाद पत्रकारों को बताया कि वह 50 साल से कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही की भूमिका निभाते रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने का एलान करने के साथ उन्होंने राजस्थान की गरमाई सियासत पर कुछ नहीं बोला सिर्फ सिर्फ सोनिया से मिलने से पहले उन्होंने पत्रकारों को यह अवश्य कहा की यह आंतरिक पारिवारिक मामला है और इसे हम मिलजुल कर सुलझा लेंगे अब मुख्यमंत्री ने अपनी स्थिति यह कहते हुए स्पष्ट कर दी हैं कि मुख्यमंत्री पद का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी।
मुख्यमंत्री को लेकर आम कयास लगाए जा रहे हैं कि इस समय राजस्थान में सत्ता परिवर्तन एक आत्मघाती कदम कांग्रेस के लिए होगा। ऐसे हालात के मद्देनजर प्रदेश मे नेतृत्व परिवर्तन अभी तक संशय के घेरे में हैं, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सोनिया से मुलाकात के बाद बाहर आकर पत्रकारों से रूबरू होने का अंदाज कुछ इस तरह बया हो रहा था कि जैसे उन्होंने 10 जनपथ पर भी अपनी बाजीगरी की छाप एक बार फिर छोड़ दी।
हालांकि गहलोत के धुर विरोधी सचिन पायलट भी अभी दिल्ली में रूके हुए हैं सोनिया से मुलाकात करने के लिए जिसके चलते राजस्थान मे सत्ता के लिए उठे बवंडर पर समाधान नहीं अभी तक विराम माना जा सकता हैं। दो दिन पूर्व उठे इस तुफान से राहत अब हाईकमान के जारी फरमान के बाद ही संभव है।