भाजपा का खेल बिगाड़ने पर उतारू निर्दलीय उम्मीदवार, इनके भरोसे कांग्रेस भी टक्कर में! – News18 हिंदी

राजस्थान में 2024 का लोकसभा चुनाव बीते दो आम चुनावों की तुलना में काफी अलग रहने वाला है. यहां लोकसभा की 25 सीटें हैं और 2014 और 2019 के मोदी लहर में भी यहां की सभी सीटें भाजपा की झोली में गई थी. लेकिन, इस बार निश्चित तौर पर स्थिति बदली हुई नजर आ रही है. राज्य की कई सीटें ऐसी हैं जहां बेहद कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. एक ऐसी ही सीट है बाड़मेर. यह संसदीय क्षेत्र बाड़मेर और जैसलमेर के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है.
इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटें हैं. इसमें से सात सीटें बाड़मेर जिले की और एक सीट जैसलमेर की है. बाड़मेर की दो सीटों शिव और बाड़मेर में निर्दलीय विधायक हैं. शिव से खुद रविंद्र सिंह भाटी विधायक हैं. उन्होंने 2023 में निर्दलीय फतेह खान को 3950 वोटों से हराया था. फिर बाड़मेर विधानभा सीट से निर्दलीय प्रियंका चौधरी एमएलए हैं. उन्होंने कांग्रेस के मेवाराम जैन को 13 हजार से अधिक वोटों से हराया था.
एक विस सीट पर कांग्रेस
बायतू विस सीट से कांग्रेस के हरीश चौधरी मात्र 910 वोटों से विजयी हुए थे. बाकी चार अन्य सीटों पर भाजपा का कब्जा है. जैसलमेर विस सीट पर भी भाजपा के रूपराम विजयी हुए थे.
निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की मुश्किलें बढ़ा रखी है. भाजपा के परंपरागत राजपूत और मूल ओबीसी वोट बैंक में भाटी की सेंध से चौधरी पिछड़ते नजर आ रहे हैं. युवा वोटरों में भाटी का बढ़ता क्रेज कैलाश चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम की धड़कने भी बढ़ा दी है. भाटी की सभाओं में भारी भीड़ देखी जा रही है.
भाटी और उम्मेदाराम के बीट टक्कर
फिलहाल बाड़मेर में भाटी और कांग्रेस के उम्मेदाराम के बीच कांटे की टक्कर है. बाड़मेर में चार लाख से अधिक जाट और तीन लाख एससी मतदाता हैं. उम्मेदाराम को उम्मीद है कि जाट और एससी का समर्थन उन्हें मिलेगा. इसके अलावा दो लाख मुस्लिम मतदाता हैं. मुस्लिम वोट बैंक में भाटी ने भी सेंध लगा रखी है.
भाजपा के कैलाश चौधरी प्रधानमंत्री की बाड़मेर में जनसभा के बाद मुकाबले में वापसी की कोशिश में जुटे हैं. यदि जाट मतों को अपने पाले में लाने में कैलाश चौधरी कामयाब होते हैं तो फिर त्रिकोणीय संघर्ष में कोई भी बाजी मार सकता है. पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह के बीजेपी में शामिल होने की वजह से भी बीजेपी अपनी स्थिति कुछ ठीक करने में कामयाब हुई. बावजूद अभी मुकाबले में पिछड़ रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 17, 2024, 14:36 IST