राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता आखिर कब होगी बहाल? कांग्रेस ने उठाए सवाल, जयराम रमेश बोले- 26 घंटे बीत गए…

नई दिल्ली. मोदी सरनेम से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रोक लगाने के बाद पार्टी ने उनकी संसद सदस्यता बहाल करने की मांग तेज कर दी है. इस कड़ी में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट करके राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने में कथित रूप से हो रही देरी पर सवाल उठाए.
जयराम रमेश ने शनिवार को ट्वीट करके कहा, ’23 मार्च को सूरत सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को ‘दोषी’ करार दिया था. उसके 26 घंटे बाद उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था. उस पूरी तरह से गलत दोषसिद्धि पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए 26 घंटे बीत चुके हैं. राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब तक बहाल क्यों नहीं की गई? क्या प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव में उनके शामिल होने का डर है?’
लोकसभा अध्यक्ष से मिले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी
इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी बताया कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करके उनसे राहुल गांधी की सदस्यता जल्द से जल्द बहाल करने का आग्रह किया. कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि उन्होंने शनिवार सुबह एक बार फिर स्पीकर को फोन किया था, जिन्होंने उनसे लोकसभा महासचिव से बात करने और कार्यालय में दस्तावेज जमा करने के लिए कहा. चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम चाहते हैं कि राहुल गांधी लोकसभा में सरकार के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पर बोलें.’ इस प्रस्ताव पर आठ से 10 अगस्त तक चर्चा होगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में वर्ष 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्त साफ हो गया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर लगाई दोषसिद्धि पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक इस आधार पर लगाई कि ‘सूरत की अदालत यह बताने में विफल रही कि दोषी ठहराए जाने पर राहुल गांधी अधिकतम 2 साल की सजा के हकदार क्यों थे, जिसके कारण उन्हें संसद के निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया.’ शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगर सजा एक दिन भी कम होती तो वह संसद से अयोग्य करार नहीं होते. कोर्ट के इस फैसले के बाद गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि गांधी के बयान ठीक नहीं थे और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है. हालांकि इसके साथ, अदालत ने यह भी कहा कि गांधी की दोषसिद्धि और उसके बाद संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने से न केवल सार्वजनिक जीवन में बने रहने का उनका अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि मतदाताओं के अधिकार को भी प्रभावित किया, जिन्होंने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था. 53 वर्षीय राहुल गांधी लोकसभा में केरल की वायनाड सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
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Tags: Congress, Rahul gandhi, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : August 05, 2023, 23:06 IST