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weather information by pot water unique tradition in rajasthan on holika dahan

Last Updated:March 13, 2025, 13:32 IST

सुनने में भले ही अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है कि यहां लोग मटकी के जल से मौसम का पूर्वानुमान कर लेते हैं कि आगे आने वाला मौसम किस तरह का होगा. उसकी भी जानकारी मिल जाती है. बीकानेर में हर साल होलिका दहन के दिन यह प…और पढ़ेंX
जमीन
जमीन में दबी हुई मटकी में बचे जल से मौसम की पूरी जानकारी मिल जाती है.

हाइलाइट्स

बीकानेर में होली पर मटकी से मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है.इस बार मटकी सूखी मिली, जिससे अकाल का अनुमान है.बरसात पर निर्भर खेती इस साल कमजोर रहेगी.

बीकानेर:- बीकानेर की होली पूरी दुनिया में सबसे अलग है. यहां सालों पुरानी परंपराएं हैं, जिसका शहरवासी आज भी निर्वहन कर रहे हैं. वैसे तो विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है और कई नई-नई तकनीक से मौसम की जानकारी मिल जाती है. इससे अलग बीकानेर में आज भी लोग विज्ञान के बजाय पुराने तरीकों से मौसम का पूर्वानुमान बता देते हैं.

सुनने में भले ही अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है कि यहां लोग मटकी के जल से मौसम का पूर्वानुमान कर लेते हैं कि आगे आने वाला मौसम किस तरह का होगा. उसकी भी जानकारी मिल जाती है. बीकानेर में हर साल होलिका दहन के दिन जमीन में दबी हुई मटकी में बचे जल से मौसम की पूरी जानकारी मिल जाती है.

इस बार की मटकी में क्या निकला?मोहलवासी रमेश ओझा ने लोकल 18 को बताया कि करीब 200 सालों से यह परंपरा चली आ रही है. भगवान गणेश, वरुण देवता और भूमि पूजन कर नई मटकी पर ढकनी लगाकर व लाल कपड़े से ढककर पूजा-अर्चना के बाद करीब पांच से छह फीट गहरे गड्ढ़े में नई मटकी दबा दी जाती है. पानी से भरी मटकी पूरे साल मिट्टी में दबी रहती है. इसी स्थान पर होलिका दहन भी होता है. फिर अगले साल इस मटकी को निकाल लिया जाता है.

वे बताते हैं कि मिट्टी में दबी मटकी को शुभ मुहूर्त में बाहर निकाला जाता है. इस बार सुबह 8.30 से 9 बजे तक मटकी निकाली गई. मटकी में अगर पानी हो, तो खुशहाली का प्रतीक होता है, बारिश भी होगी. मटकी में अगर पानी नहीं है, लेकिन मटकी गीली है, तो सामान्य बारिश होगी. अगर मटकी पूरी तरह से सूखी पड़ी है, तो अकाल पड़ने का अनुमान होता है. इस बार मटकी सूखी हुई है, लेकिन उस पर कपड़ा गीला था.

इस बार फसलें अच्छी नहीं वे Local 18 को बताते हैं कि अगर मटकी में थोड़ा बहुत यानी चम्मच जितना भी पानी मिले, तो खुशहाली का प्रतीक होता है और आगे आने वाले साल 90 प्रतिशत बहुत अच्छे होते हैं. वहीं अगर मटकी थोड़ी गीली मिले, तो जमाना 60 से 70 प्रतिशत अच्छा रहता है. वहीं इस बार मटकी पर जड़े मिली हैं, तो इस बार जमाना कमजोर रहेगा. इस बार 30 से 40 प्रतिशत ही जमाना होगा. बरसात पर निर्भर होने वाली खेती इस बार कमजोर रहेगी और फसलें कम रहेगी. इस मटकी को जमीन से निकालने वाला एक ही परिवार है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम कर रहा है. वे बताते हैं कि पिछली बार तो मटकी में पानी निकला था.


Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

March 13, 2025, 13:32 IST

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इस मटकी से मिल गई मौसम की सारी जानकारी, साल 2025 में इतनी होगी बारिश!

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