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पूर्व बल्लेबाज ने बताया, अजिंक्य रहाणे अब वही पुराने खिलाड़ी क्यों नहीं रहे/Former keeper batsman Deep Dasgupta explains why Indian Test vice captain Ajinkya Rahane is not the same player– News18 Hindi

नई दिल्ली. भारतीय टेस्ट टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) पिछले महीने साउथैम्प्टन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में अपनी विफलता के बाद एक बार फिर से आलोचना का सामना कर रहे हैं. पिछले साल मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम में यादगार शतक जड़ने के बाद रहाणे ने टेस्ट क्रिकेट में कुछ इस तरह रन बनाए हैं- 27*, 22, 4, 37, 24, 1, 0, 67, 10, 7, 27, 49, 15. रहाणे का संघर्ष और कमियां अब कोई छिपा हुआ तथ्य नहीं है. ऐसे में भारत के मध्य-क्रम से उन्हें बाहर करने की मांग एक बार फिर से की जा रही है. विराट कोहली एंड कंपनी (Virat Kohli) को अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज (India vs England) खेलनी है. इस दौरे से पहले रहाणे को रिप्लेस करने की मांग उठने लगी है.

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइलन (WTC) में अजिंक्य रहाणे ने पहली पारी में शुरुआत की और 49 रन बनाकर आउट हो गए. जबकि उन्होंने भारत की दूसरी पारी में एक और मौका गंवा दिया और महज 15 रन की पारी खेलकर पवेलियन लौट गए. अगर पिछले कुछ वर्षों में रहाणे के आंकड़ो पर नजर डालें तो 2018 के बाद से दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सिर्फ 3 शतक बनाए हैं. भले ही उन्होंने कुछ मूल्यवान अर्द्धशतक बनाए हों या अपनी अच्छी शुरुआत के साथ योगदान दिया हो. वह 2015-16 तक उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर रहा है, जैसा वह करता था. इसके अलावा, उनकी वापसी को टेस्ट टीम के उप-कप्तान के रूप में कम माना जाता है.

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भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) ने बताया कि अजिंक्य रहाणे वही खिलाड़ी क्यों नहीं हैं और उनकी क्या खामियां हैं. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ”मुझे नहीं लगता कि रहाणे वही खिलाड़ी हैं, जो वह थे. 2015-16 में वह अविश्वसनीय थे. वह एक ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें मैंने मुंबई के लिए खेलते हुए देखा था. पहली सुबह वानखेड़े की पिच नम थी, पिच में घास थी और उन दिनों वहां बल्लेबाजी करना एक बुरा सपना था, लेकिन रहाणे ने भारत के लिए खेलने से पहले वहां 4000-4500 रन बनाए. मुख्य रूप से नंबर 3 की पोजिशन पर खेलते हुए.”

उन्होंने आगे कहा, ”जब आप भारत में बल्लेबाजी करते हैं, तो आपका कौशल बदल जाता है. आप बाहर स्विंग और पेस खेलते हैं लेकिन यहां आपको रिवर्स स्विंग खेलने की जरूरत है. अगर आप जाकर 2015-16 में रहाणे के फुटवर्क की जांच करें तो आपको एहसास होगा कि उनका फुटवर्क इतना निश्चित नहीं है. वह अपनी पहली 20 गेंदों में बहुत ही अस्थिर हैं और जब भी वह बड़ी पारी खेलते हैं तो वह बहुत अधिक आश्वस्त होते हैं.”
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अजिंक्य रहाणे को भारत और इंग्लैंड के बीच यूके में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में खेलते हुए देखा जाएगा. भारतीय टीम में बहुत सारे बल्लेबाजों के साथ अनुभवी खिलाड़ी अपने स्थान पर बने रहने के लिए संघर्ष महसूस करेंगे. इसके साथ ही वह अपने बल्ले के दम पर अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए उत्सुक होंगे. उद्घाटन डब्ल्यूटीसी चक्र में भारत के अग्रणी रन-स्कोरर होने के बावजूद उनकी कमियों पर कई बार सवाल उठाए गए हैं. ऐसे में रहाणे के पास भारत के अगले टेस्ट असाइनमेंट में अपना खेल दिखाना होगा. इंग्लैंड 2018 में अंतिम टेस्ट सीरीज के दौरान रहाणे ने 10 पारियों में सिर्फ दो अर्धशतक जड़े थे.

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