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भरतपुर के इस गांव मे मौजूद है पुराने समय की बनी चारपाई, मजबूत इतनी की एक साथ सो सकते हैं 5 लोग

Last Updated:February 28, 2025, 12:31 IST

Bharatpur News: भरतपुर जिले के नगला भाड़ गाँव में एक चारपाई आज भी चर्चा का विषय बनी हुई है.यह कोई साधारण चारपाई नहीं बल्कि वर्षों पुरानी एक ऐसी हस्तकला का नमूना है.जो आज भी अपनी मजबूती और उत्कृष्ट कारीगरी के क…और पढ़ेंX
पुराने
पुराने समय की चारपाई  

भरतपुर जिले के नगला भाड़ गाँव में एक चारपाई आज भी चर्चा का विषय बनी हुई है.यह कोई साधारण चारपाई नहीं बल्कि वर्षों पुरानी एक ऐसी हस्तकला का नमूना है.जो आज भी अपनी मजबूती और उत्कृष्ट कारीगरी के कारण लोगों को चकित कर देती है.गाँव के बुजुर्गों के अनुसार इस चारपाई को उनके पूर्वजों ने विशेष रूप से देशी बबूल और शीशम की लकड़ी से तैयार किया था. यह चारपाई जितनी पुरानी है. उतनी ही मजबूत भी बनी हुई है.

नगला भाड़ के लोग इस चारपाई को अपनी विरासत मानते हैं. यह चारपाई वर्षों से गाँव के घरों में इस्तेमाल हो रही है. लेकिन आज भी इसकी मजबूती और टिकाऊपन में कोई कमी नहीं आई है.इसकी बुनाई इतनी सघन और मज़बूत है. इस पर एक साथ पाँच लोग भी आराम से सो सकते हैं. हैरानी की बात यह है.कि यह न तो चरमराती है. यह गाँव के कारीगरों की बेजोड़ हस्तकला और गुणवत्ता का प्रमाण है.

बबूल और शीशम की लकड़ी से बना हैगांव के स्थानीय निवासी तेज सिंह हवलदार ने लोकल 18 को बताया इस चारपाई के निर्माण में इस्तेमाल की गई लकड़ी विशेष है. देशी बबूल और शीशम की लकड़ी अपनी मजबूती के लिए जानी जाती हैं.इन लकड़ियों से बनी वस्तुएँ लंबे समय तक टिकाऊ रहती हैं. इसके अलावा इसकी बुनाई हाथों से की गई है.जिसमें महीन रस्सियों का उपयोग हुआ है. गाँव के हवलदार बताते हैं. इस रस्सी को पारंपरिक तकनीक से बुनकर तैयार किया गया था. जिससे चारपाई में अतिरिक्त मजबूती आती है.

गाँव के लोग इस को पलग कहतेआज के समय में बाजार में मिलने वाली मशीनों से बनी चारपाइयाँ कुछ ही वर्षों में कमजोर हो जाती हैं.और उन्हें बार-बार बदलना पड़ता है. लेकिन नगला भाड़ की यह ऐतिहासिक चारपाई वर्षों से बिना किसी नुकसान के बनी हुई है. यह इस बात का प्रमाण है. पुराने समय की कारीगरी और हस्तशिल्प कितने उन्नत थे. गाँव के लोग इस को पलग कहते हैं. देखकर गर्व महसूस करते हैं. गाँव के बुजुर्ग और युवा सभी इस चारपाई को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं. यह केवल एक चारपाई नहीं बल्कि उनकी संस्कृति, परंपरा और कारीगरी का प्रतीक बन चुकी है. गाँव के लोग इसे संभालकर रखते हैं. इसे अपनी धरोहर मानते हैं. कई बार इसे देखने के लिए आस-पास के गाँवों से भी लोग आते हैं. जो इसकी मजबूती और सुंदरता को देखकर दंग रह जाते हैं.


Location :

Bharatpur,Rajasthan

First Published :

February 28, 2025, 12:31 IST

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भरतपुर के इस गांव मे मौजूद है पुराने समय की बनी चारपाई, जानें खासियत

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