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खड़े होकर पानी पिएं या बैठकर, प्रेमानंद महाराज जी की इन बातों से डॉक्टर भी हुए उनके मुरीद

Last Updated:March 21, 2025, 22:15 IST

Drinking Water while standing: क्या खड़ा होकर पानी पीना चाहिए. अक्सर आज के युवा में बोतल की पानी को खड़े-खड़े सीधे गटक जाते हैं. लेकिन प्रेमानंद महाराज जी ने इसके लिए युवाओं को चौकन्ना किया है. आइए जानते हैं कि…और पढ़ेंखड़े-खड़े पानी पीना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज जी ने युवाओं को किया अलर्ट

प्रेमानंद महाराज जी के हेल्थ टिप्स.

हाइलाइट्स

प्लास्टिक की बोतल खोलकर तुरंत पानी गटक जाना सही या गलत.प्रेमानंद महाराज ने ऐसा करने वाले युवाओं को किया अलर्ट.डॉक्टर भी प्रेमानंद महाराज जी की सलाह से सहमत.

Drinking Water while standing: आयुर्वेद में कहा गया है कि पानी को सही तरीके से पिया जाए तो वह एक दवा है और पानी को अगर गलत तरीके से पिया जाए तो वह जहर है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि भोजन के बगैर तो हम कुछ दिन जिंदा रह सकते हैं लेकिन पानी के बगैर हम दो दिन शायद ही जीवित रह पाएं. इसलिए पानी किस तरह पिया जाए यह जानना महत्वपूर्ण है. वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी ने पानी पीने को लेकर आजकल के युवाओं को डांट लगाई है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर आजकल के युवा पानी को सही तरीके से नहीं पीते हैं. वे अक्सर प्लास्टिक की बोतल खोलते हैं और खड़े-खड़े पानी गटक जाते हैं. इसके बेहद नुकसान है. खड़े-खड़े पानी पीना सही तरीका नहीं है. इससे सेहत को भारी नुकसान पहुंच सकता है.

फिर कैसे पिएं पानी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य को हमेशा पानी बैठकर पीना चाहिए. पानी को शांत चित होकर पीना चाहिए. पहले पानी को बर्तन से किसी गिलास में रखना चाहिए और फिर धीरे-धीरे पानी को गले से उतारना चाहिए. ऐसा करने से पानी का संपूर्ण तत्व आपको मिल पाएगा. वरना यह बेकार हो जाएगा. मतलब आप पानी तो पी रहे हैं लेकिन यह शरीर के लिए कोई काम का नहीं है. प्रेमानंद महाराज जी की इस सलाह को डॉक्टर भी सही मानते हैं.

खड़ें होकर पानी पीने से नुकसान एक इंटरव्यू में आकाश हेल्थकेयर में इंटरनल मेडिसीन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विक्रमजीत सिंह बताते हैं कि हमारा शरीर 70 प्रतिशत पानी से बना है. पानी हमारे शरीर में पोषक तत्वों की आवाजाही के लिए एक मीडियम की तरह की काम करता है. पानी की मौजूदगी में ही शरीर को पोषक तत्व खून से होकर शरीर के कतरे-कतरे तक पहुंचता है और वहां की गंदगी को बाहर निकालता है.ऐसे में पानी का असर हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब आप सीधे खड़े-खड़े पानी पीते हैं तो पानी फोर्स के साथ नीचे जाता है. इसका पहला नुकसान पेट को होता है. पानी तेजी के साथ पेट में गिरता है जिसकी वजह से लोगों को अक्सर एसिडिटी होती है. खड़े-खड़े पानी पीने से आहार नली यानी इसोफैगस के स्फिंग्टर (आंत और सांस नली को जोड़ने वाला वॉल्व जो रिंग की तरह की मांसपेशियां होती है) पर प्रेशर पड़ता है. इससे यह ढ़ीली हो जाती है और इसके कारण पेट का एसिड उपर की ओर उठने लगता है.

घुटनों में दर्द और नसों में कमजोरी खड़े होकर पानी पीने से यह पानी तेजी से आंत में नीचे की ओर बढ़ता है जिसके कारण पानी का एब्जॉब्सन आंत में सही तरीके से हो नहीं पाता है. इससे आंत में जो नेचुरल पोषक तत्व होता है उसका बैलेंस बिगड़ता है. इतना ही नहीं पानी जब फोर्स के साथ आंतों में जाएगा तो इससे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस भी बिगड़ेगा. इससे सीधा असर किडनी पर पड़ेगा क्योंकि तब पानी सही तरीके से किडनी में नहीं जाएगा और किडनी में अगर पानी एब्जॉर्व होकर नहीं जाएगा तो किडनी से गंदगी बाहर नहीं निकल पाएगी. यह गंदगी किडनी में ही रह जाएगी. ऐसे में किडनी की बीमारियां होंगी. इलेक्ट्रोलाइट्स बिगड़ने से नसों में कमजोरी हो जाएगी और इससे कई तरह के नुकसान होंगे. यहां तक कि दिमाग पर भी असर पड़ेगा.

घुटनों में दर्द अगर आप लगातार खड़े होकर तेजी से पानी पीएंगे तो इससे इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस बिगड़ जाएगा जिसके कारण इलेक्ट्रोलाइट्स के तत्व जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में बनने लगेगा. यह क्रिस्टल जोड़ों में सूजन पैदा करेगा और इससे कभी-कभी घुटनों में भी दर्द होने लगेगा.

पानी को किस तरह पिएं एक्सपर्ट का कहना है कि पानी को धीरे-धीरे सिप में पानी पिएं. पानी को हमेशा बैठकर शांत मुद्रा में पिएं. हर बार पानी पीने के बीच कम से कम आधे घंटे का गैप रखें. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पानी को कम पिएं. किसे कितना पानी पीना चाहिए यह उसकी बॉडी, वेट, मूड और उसके काम पर निर्भर है लेकिन पूरे दिन में कम से कम 2 लीटर पानी तो पिए ही.

First Published :

March 21, 2025, 17:22 IST

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खड़े-खड़े पानी पीना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज जी ने युवाओं को किया अलर्ट

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