Rajasthan

भरतपुर में दीपावली पर पशु-पूजन की तैयारियां जोरों पर, बाजारों में सजी पारंपरिक और आधुनिक मालाओं की बहार

Last Updated:October 19, 2025, 15:26 IST

भरतपुर में दीपावली का पर्व आते ही ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में लोग अपने पशुओं की पूजा की तैयारी भी जोरों से कर रहे हैं. परंपरा के अनुसार दीपावली के अवसर पर पशुओं विशेषकर गाय, बैल, भैंस, ऊंट और घोड़े की पूजा की जाती है. दीपावली पर होने वाला पशु-पूजन न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह पशु-प्रेम और ग्रामीण संस्कृति की जीवंत मिसाल भी है. भरतपुर के बाजारों में सजी मालाओं की दुकानें इस परंपरा की रौनक और आत्मा दोनों को जीवित रखे हुए हैं.news 18

भरतपुर में दीपावली का पर्व आते ही शहर के बाजारों में रौनक बढ़ गई है, दीपों के इस त्योहार पर जहां लोग अपने घरों की साफ़-सफाई और सजावट में जुटे हुए हैं, वहीं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग अपने पशुओं की पूजा की तैयारी भी ज़ोरों से कर रहे हैं. परंपरा के अनुसार, दीपावली के अवसर पर विशेष रूप से गाय, बैल, भैंस, ऊंट और घोड़े आदि पशुओं की पूजा की जाती है.

news 18

इन्हें भगवान का रूप मानकर सजाया-संवारा जाता है, और इन्हें मिठाई, गुड़, चारा तथा मालाएं अर्पित की जाती हैं. भरतपुर के स्थानीय बाजारों में इस समय पशु-पूजन के लिए विशेष सजावट सामग्री की दुकानें सज चुकी हैं. यहां रंग-बिरंगी फूलों की मालाएं, गोटा-पत्ती से सजे हार, झिलमिलाती झालरें और पशुओं के लिए आकर्षक गले के आभूषणों की भरमार देखने को मिल रही है.

news 18

दुकानदारों ने बताया कि दीपावली पर पशुओं की पूजा की परंपरा बहुत पुरानी है, और हर साल लोग अपने पशुओं के लिए नई-नई डिजाइनों की मालाएं और सजावट का सामान खरीदने आते हैं. रूपवास, कुम्हेर, बयाना और नदबई क्षेत्रों से लोग बाजारों में खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. यहां देसी फूलों जैसे गेंदे, गुलाब और रुई के फूलों से बनी मालाएं खूब पसंद की जा रही हैं. इसके साथ ही बाजार में आर्टिफिशियल फूलों की भी मांग बढ़ी है, क्योंकि वे ज़्यादा टिकाऊ होते हैं और आकर्षक दिखते हैं.

news 18

दुकानदारों का कहना है कि इस साल पशु-मालाओं के डिज़ाइन में काफ़ी विविधता देखने को मिल रही है. कुछ मालाएं मोतियों और चमकीले धागों से बनाई जा रही हैं, तो कुछ में छोटे-छोटे घंटियों का प्रयोग किया गया है, जिससे पूजा के समय मधुर ध्वनि उत्पन्न होती है. पशु मालिक इन मालाओं को बड़े प्यार से चुनते हैं, क्योंकि वे अपने पशुओं को परिवार का सदस्य मानते हैं.

news 18

दीपावली के मौके पर पशु-पूजन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि पशु-प्रेम और ग्रामीण संस्कृति की एक सुंदर मिसाल है. भरतपुर के बाजारों में सजी इन मालाओं की दुकानों ने न केवल त्योहार की रौनक बढ़ा दी है, बल्कि उस परंपरा को भी जीवित रखा है, जो गांवों की आत्मा में बसती है.

First Published :

October 19, 2025, 15:26 IST

homerajasthan

दीपावली पर भरतपुर बाजारों में पशु-पूजन के लिए मिल रही रंगीन मालाएं

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj