मेवाड़ राजघराने की विंटेज कारों की विरासत और कैडिलैक की शाही सवारी… जो इतिहास के पन्नों में अब भी चमक रही हैं

Last Updated:November 03, 2025, 14:18 IST
मेवाड़ हाउस देश का पहला राजघराना रहा है, जिसके पास कैडिलैक कन्वर्टिबल और कैडिलैक सैलून की अनोखी जोड़ी थी. 1938 मॉडल की यह कार आज भी शाही परंपराओं का अहम हिस्सा है. स्वर्गीय श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ ने इसे दशहरा, अश्व पूजा और होलिका दहन जैसे समारोहों में उपयोग किया, जबकि महारानी द्वारा सैलून कार को निजी उपयोग के लिए अपनाया गया.
मेवाड़ राजघराना अपने राजसी ठाठ-बाठ, परंपराओं और शाही जीवनशैली के लिए तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन इस राजघराने की एक और पहचान है — विंटेज कारों का बेमिसाल कलेक्शन. यह कलेक्शन राजघराने के गौरव और इतिहास को संजोए हुए आज भी उसी चमक के साथ मौजूद है.

मेवाड़ राजघराना अपने राजसी ठाठ-बाठ, परंपराओं और शाही जीवनशैली के लिए तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन इस राजघराने की एक और पहचान भी है — विंटेज कारों का बेमिसाल संग्रह. यह संग्रह राजघराने के गौरव और इतिहास को संजोए हुए आज भी अपनी वही चमक बिखेर रहा है.

राजघराने को विशेष रूप से रोल्स-रॉयस कारों से गहरा लगाव रहा है. हाउस ऑफ मेवाड़ की पहली रोल्स-रॉयस कार जीएलके-21, 1924 मॉडल की है. इस कार की मरम्मत का काम वर्ष 1999 में शुरू हुआ था, इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण पुर्जे लंदन भेजे गए थे, जबकि इसके टायर न्यूजीलैंड से मंगवाए गए थे. मरम्मत के बाद जब यह कार अपनी शाही चमक में लौटी, तो उसने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मेवाड़ का नाम रोशन किया.

नवंबर 2008 में इस रोल्स-रॉयस को ‘बेस्ट ऑफ क्लास कैटेगरी, विंटेज क्लासिक इन द कार्टियर ट्रैवल विद स्टाइल कॉनकोर्स’ अवॉर्ड से नवाज़ा गया. यही नहीं, अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में आयोजित 62वें पेबल बीच कॉनकोर्स द’एलेगांस में इस कार ने ‘द लुसियस बीबे ट्रॉफी’ भी जीती — जो विंटेज कारों की दुनिया का बेहद प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है.

मेवाड़ के श्रीजी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ भले ही सादगी पसंद करते हों, लेकिन कारों के प्रति उनका शौक किसी से छिपा नहीं है. उनका कहना है, इन कारों की देखभाल आसान नहीं होती. कई बार पुराने पुर्जे नहीं मिलते, लेकिन हम कार कंपनियों से संपर्क कर मूल पार्ट्स मंगवाते हैं ताकि कार की शुद्धता और असलियत बनी रहे.

मेवाड़ हाउस कैडिलैक कन्वर्टिबल और कैडिलैक सैलून की एक जोड़ी रखने वाला देश का पहला राजघराना रहा है. 1938 मॉडल की यह कार आज भी शाही परंपराओं का हिस्सा है. इस कार का उपयोग स्वर्गीय श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ ने दशहरा, अश्व पूजा और होलिका दहन जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों में किया था, वहीं महारानी द्वारा सैलून कार का प्रयोग निजी उपयोग के लिए किया जाता था.
First Published :
November 03, 2025, 14:18 IST
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जानिए मेवाड़ राजघराना विंटेज कार का कलेक्शन और रोल्स-रॉयस का शाही इतिहास



