Rajasthan

Farming Tips: कम जमीन, ज्यादा मुनाफा! दिसंबर-जनवरी में अपनाएं ये खेती और पाएं डबल आमदनी

Last Updated:December 24, 2025, 06:58 IST

Vegetable Farming Tips: दिसंबर और जनवरी का मौसम किसानों के लिए पत्तेदार सब्जियों की खेती के लिहाज से बेहद लाभकारी होता है. पालक, मैथी, धनिया, गाजर और शलजम जैसी फसलें कम समय में तैयार हो जाती हैं और लगातार बाजार में बिकती रहती हैं. हल्की निवेश वाली ये फसलें छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने का आसान जरिया बनती हैं. मिट्टी, बीज उपचार और कीट नियंत्रण पर ध्यान देकर बेहतर पैदावार सुनिश्चित की जा सकती है.यह सब्जियां रोजाना बिक्री के किये आती हैं जिससे जिसानो कि आय में बढ़ोतरी होती है

दिसंबर और जनवरी का मौसम किसानों के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है. न सिर्फ ठंड के कारण खेतों की मिट्टी में नमी रहती है बल्कि ये समय पत्तेदार सब्जियों की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 2026 में शहरी और ग्रामीण बाजारों में हरी सब्जियों की मांग और उनकी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. पत्तेदार सब्जियां कम समय में तैयार हो जाती हैं और रोजाना बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध रहती हैं जिससे किसानों की आय में सुधार होता है.

बेहतर पैदावार, जल्दी कटाई और लगातार बिक्री की सुविधा किसानो के लिए फायदेमंद होती है

पालक,मैथी, धनिया, गाजर और शलजम जैसी फसलें कम लागत में तैयार हो जाती है और जल्दी बिकती हैं, इसलिए छोटे और सीमांत किसान भी इनसे अच्छी आमदनी कमा सकते हैं. बेहतर पैदावार, जल्दी कटाई और लगातार बिक्री की सुविधा इस समय की पत्तेदार फसलों को किसानों की आय बढ़ाने का मजबूत जरिया बनाती है.

इससे किसान कम और लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते है

कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम राणावत के मुताबिक दिसंबर-जनवरी में पालक, मैथी, धनिया, गाजर और शलजम जैसी पत्तेदार सब्जियां कम निवेश में जल्दी तैयार हो जाती हैं और बाजार में तेजी से बिकती हैं. डेढ़ से दो महीने में उत्पादन शुरू होने से छोटे और सीमांत किसान भी अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.

Add as Preferred Source on Google

बुआई से पहले खेत की जुताई और खरपतवार हटाना चाहिए

इन सब्जियों के लिए बलुई दोमट या रेतीली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें पानी रुकता नहीं है. मिट्टी में 50-60% साधारण मिट्टी और 30-40% गोबर या वर्मीकम्पोस्ट मिलाना चाहिए।. हल्की मात्रा में रेत डालने से जल निकासी बेहतर होती है. बुवाई से पहले खेत की अच्छी जुताई और खरपतवार हटाना आवश्यक होता है. राणावत के मुताबिक बीजों को रातभर पानी में भिगोकर ट्राइकोडर्मा से उपचार करने पर अंकुरण जल्दी और स्वस्थ होता है.

यह सब्जियां 2 महीने के भीतर तैयार होकर बाजार में आ जाती है

पत्तेदार फसल को सुबह 4-5 घंटे की धूप चाहिए और दोपहर में हल्की छाया फायदेमंद रहती है. दिसंबर-जनवरी में पाले का खतरा रहता है, इसलिए पौधों को ढककर या हल्की सिंचाई कर बचाना चाहिए. मैथी 25-30 दिन, पालक 35-40 दिन, धनिया 30-40 दिन और शलजम 30-40 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है.

रस चूसने वाले कीटो पर नीम तेल और नींबू पत्तों का काढ़ा कारगर होता है

पत्तेदार सब्जियों में कीट जल्दी असर डालते हैं. पत्ती खाने वाले कीटों के लिए नीम तेल और हल्दी का स्प्रे प्रभावी है जबकि रस चूसने वाले कीटों पर नीम तेल और नींबू पत्तों का काढ़ा कारगर होता है. 100–150 रुपये के कीट ट्रैप भी हल्के निवेश में लगाए जा सकते हैं. अधिक संक्रमित पौधों को तुरंत हटाना देना चाहिए.

First Published :

December 24, 2025, 06:58 IST

homeagriculture

कम जमीन, ज्यादा मुनाफा! दिसंबर-जनवरी में अपनाएं ये खेती और पाएं डबल आमदनी

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj