50 साल बाद दादा- नाना बनने की उम्र में 28 पूर्व छात्र पहुंचे स्कूल, बचपन के साथ गुजारे पलों को किया याद!

सिरोही : जिले में गुरू शिष्य के अनोखे रिश्ते को बयां करने वाला एक अनोखा कार्यक्रम देखने को मिला.सिरोही जिले के रेलवे सीनियर सेकेंडरी स्कूल आबूरोड में वर्ष-1974, 1975 और 1976 बैच के विद्यार्थियों ने अपने गुरुओं के प्रति अपने आदर और कृतज्ञता भाव को दिखाते हुए, एक बार फिर स्कूल की तरह ही एक ही मंच पर मुलाकात के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया. इसमें अलग-अलग जगहों से 28 पूर्व विद्यार्थियों ने भाग लिया.
इस समारोह में स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक 90 वर्षीय चौथमल सोनी, कैलाश नारायण सक्सेना और जीएस भटनागर का सम्मान किया गया. समारोह में गुरु-शिष्य संबंधों की पवित्रता और मधुरता की झलक देखने को मिली. इतने वर्षों बाद हुई इस मुलाकात ने शिक्षकों और पूर्व छात्रों का दिल छू लिया. आपको बता दें कि ये लोग जिस 164 साल पुराने स्कूल के विद्यार्थी थे, वह स्कूल तीन साल पहले बंद हो चुका है. जिसके बाद यह पहला मौका था जब 28 पूर्व छात्र 50 साल बाद एक ही मंच पर अपने शिक्षकों से मिले.
स्कूल के पूर्व विद्यार्थी बन चुके हैं दादा और नानाइस समारोह में शामिल कुछ पूर्व विद्यार्थी तो विदेश से में सेवा दे रहे हैं. समारोह में गुरू और शिष्यों के बीच का एक अनोखा रिश्ता देखने को मिला. इस समारोह में शामिल पूर्व छात्र भी दादा और नाना बन चुके थे. इस समारोह का आयोजन कर अपनी पुरानी यादों को ताजा करने के साथ ही डॉक्टर, इंजीनियर समेत अन्य क्षेत्रों में कार्यरत पूर्व छात्रों ने स्कूल के अनुभव अपने शिक्षकों के साथ साझा किए.
कोई अमेरिका में है कारोबारी तो कोई रेलवे जीएम पद से है रिटायर्ड इस कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व छात्र अच्छे पदों तक पहुंचे. इसमें प्रमौद वैद्य अमेरिका में डॉक्टर हैं. वहीं वीरेंद्र कुमार ऑयल कंपनी में जीएम के पद से रिटायर्ड हुए हैं. सुनील कुमार का अमेरिका में व्यापार है तो वहीं सीएम कौल रेलवे में महाप्रबंधक पद से रिटायर्ड हुए हैं.
दिवंगत शिक्षकों को भी दी श्रद्धांजलि पूर्व विद्यार्थियों ने शिक्षकों के प्रति अपने आभार प्रकट करते हुए कहा, कि उनकी शिक्षा और मार्गदर्शन ने उनके जीवन को नई दिशा दी. इस आयोजन में स्कूल के दिवंगत शिक्षकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सात ही गुरु-शिष्य संबंधों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया. समारोह में शिक्षकों और छात्रों के बीच के संवाद ने सभी को पुराने दिनों की यादों में डूबो दिया. इस आयोजन से यह संदेश दिया गया, कि स्कूल में शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह जीवन को दिशा देने वाला एक अनमोल संबंध भी है.
160 साल पुराने स्कूल को तीन साल पहले किया बंद राजस्थान में बहुत कम जगहों पर ही रेलवे द्वारा स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इनमें से एक सिरोही जिले का आबूरोड भी था. यहां रेलवे द्वारा वर्ष-1862 में स्कूल शुरू किया गया था. जिसे 2022 में रेलवे ने बंद कर दिया. कभी इस स्कूल में 1600 से अधिक छात्र पढ़ते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से ये स्कूल इस वजह से बंद कर दिया गया, कि इसमें रेलवे कर्मचारियों के बच्चे बहुत कम थे. फिलहाल इस जगह पर रेलवे डीजल प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 11:23 IST