Explainer: क्या है HRT थेरेपी जिससे पूर्व क्रिकेटर संजय बांगड़ के बेटे ने बदलवाया अपना जेंडर?
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगड़ के बेटे आर्यन बांगड़ सुर्खियों में हैं. आर्यन ने लिंग परिवर्तन प्रक्रिया के बाद खुद को एक ट्रांसजेंडर महिला के रूप में पेश किया है, जिसे हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) कहा जाता है. 23 वर्षीय क्रिकेटर अब ‘अन्या बांगड़’ के नाम से जानी जाएंगी. अन्या बांगड़ बाएं हाथ की बल्लेबाज हैं जो इस्लाम जिमखान की तरफ से क्रिकेट खेलती हैं. कभी उनके पिता भी इसी क्लब से खेला करते थे. अन्या ने सोशल मीडिया पर अपनी ट्रांजिशन यात्रा को साझा किया और एक ट्रांसजेंडर एथलीट के रूप में आने वाली बड़ी चुनौतियों पर भी चर्चा की. हालांकि अन्या ने बाद में उस पोस्ट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने अपनी 10 महीने की यात्रा का विस्तार से जिक्र किया था. तो क्या है हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT), कैसे होती है? समझते हैं इसको..
क्या है हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी?हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) एक चिकित्सा उपचार है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब शरीर पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता.इस थेरेपी का उपयोग कई स्थितियों में किया जाता है. जैसे ग्रोथ हार्मोन विकार, थायरॉयड समस्याएं, रजोनिवृत्ति, और लिंग परिवर्तन से संबंधित मुद्दे. किसी शख़्स का जेंडर चेंज करने के लिए जेंडर-अफर्मिंग हार्मोन थेरेपी (जीएएचटी) का सहारा लिया जाता है.
कैसे होती है ये थेरेपीहार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) के दो प्रकार होते हैं – स्त्रीलिंग या पुल्लिंग, जो किसी शख़्स के जेंडर को तय करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं. अन्या बांगड़ की बात करें तो उनके केस में स्त्रीलिंग हार्मोन थेरेपी (FHT) का उपयोग किया गया है ताकि मुलायम त्वचा और ब्रेस्ट टीश्यू डेवलप किया जा सके. और मांसपेशियों और चेहरे के बाल का विकास रोका जा सके. थेरेपी में एस्ट्रोजन और एंटीएंड्रोजेन्स का उपयोग किया जाता है, जिसे अकेले या अन्य जेंडर-अफर्मिंग थेरेपी के साथ मिलाकर लिया जा सकता है. जहां एस्ट्रोजन मुलायम त्वचा, हिप्स पर फैट, ब्रेस्ट डेवलपमेंट को बढ़ावा देता है. वहीं एंटीएंड्रोजन थेरेपी टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को रोकती है, मांसपेशियों की मात्रा, यौन इच्छा (लिबिडो), स्वतःस्फूर्त इरेक्शन, छोटे अंडकोष और चेहरे और शरीर के बालों की वृद्धि को धीमा करती है.
HRT की उपचार अवधि प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) के प्रभाव कुछ हफ्तों के भीतर नजर आने लगते हैं. हालांकि पूर्ण प्रभाव आने में छह महीने तक का समय लग सकता है. कुछ केसेज में 18 से 24 महीने भी लगते हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि HRT विशेषज्ञ हर शख़्स की जरूरतों और कई दूसरे फैक्टर्स को देखते हुए उसके लिए उपचार की अवधि तय करते हैं.
क्या हैं इस थेरेपी के लाभ और नुकसानहार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी एक प्रभावी चिकित्सा प्रक्रिया है और दुनियाभर में चर्चित है. शारीरिक और यौन स्वास्थ्य में सुधार लाती है. हालांकि इसमें कई जोखिम भी हैं. इस थेरेपी से वीनस थ्रोम्बोएम्बोलिज्म, बांझपन, उच्च पोटैशियम, हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिया, वजन बढ़ना, हृदय और मस्तिष्क संबंधी रोग, मेनिन्जियोमा, अत्यधिक पेशाब, डिहाइड्रेशन, पित्ताशय की पथरी, उच्च रक्तचाप, स्तंभन दोष, टाइप 2 मधुमेह, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोपेनिया, और हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया का खतरा बढ़ सकता है. अगर इसके फायदे की बात करें तो एक बार जेंडर तय होने पर शख़्स आत्मविश्वास का अनुभव करता है. उसे आंतरिक शक्ति का एहसास होता है.
अन्या बांगड़ ने क्या अनुभव लिखाअन्या बांगड़ के मुताबिक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) के बाद उन्हें कमजोरी महसूस हुई. उन्होंने लिखा, ‘एक ट्रांस महिला के रूप में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) के बाद मेरे शरीर में भारी बदलाव आया. मेरे मांसपेशियां लगभग खत्म हो गईं. ताकत भी घट गई और कई एथलेटिक क्षमताओं को खो दिया है. जिस खेल से मैंने इतने लंबे समय से प्यार किया, वह मुझसे दूर होता जा रहा है..’ अन्या बांगड़ ने बताया कि क्रिकेट में ट्रांस महिलाओं के लिए कोई उचित नियम नहीं हैं, जिससे उन्हें क्रिकेट छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि सिस्टम उनकी वास्तविकता के साथ तालमेल नहीं बिठा पाया है.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 15:51 IST