अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्स 2025: तारीखें व खास रस्में

Last Updated:December 13, 2025, 21:16 IST
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 17 दिसंबर से 814वां उर्स शुरू होगा. परंपरागत झंडा चढ़ाने की रस्म से उर्स का औपचारिक आगाज़ होगा, जिसे भीलवाड़ा के गौरी परिवार सदियों से निभाते आए हैं. 17 से 30 दिसंबर तक विभिन्न रस्में जैसे महफ़िल-ए-समाअ, चादर पेशी, लंगर और किस्मत की दुआएं आयोजित की जाएंगी. 21 दिसंबर को चांद रात की रस्म के दौरान जन्नती दरवाज़ा खोला जाएगा, जो छह दिन तक खुला रहेगा. अजमेर दरगाह पहुंचने के लिए ट्रेन, बस, ऑटो या निजी वाहन का इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर है.
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अजमेर. जिले में स्थित हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 814वां उर्स 17 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. हर वर्ष की तरह इस बार भी उर्स का आग़ाज़ परंपरागत झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ होगा. यह रस्म भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा अदा की जाती है, जो सदियों से चली आ रही एक विशेष परंपरा का हिस्सा है, जैसे ही झंडा बुलंद दरवाज़े पर चढ़ाया जाएगा, उर्स की औपचारिक शुरुआत मानी जाएगी.
अजमेर दरगाह के साक़िब अंसारी ने बताया कि इस बार उर्स की तमाम रस्में 17 से 30 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी. इन दिनों में देश-विदेश से लाखों की संख्या में जायरीन अजमेर पहुंचते हैं और ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह पर हाज़िरी देते हैं। उर्स के दौरान दरगाह परिसर में महफ़िल-ए-समाअ, किस्मत की दुआएं, चादर पेशी और लंगर जैसी परंपराएं पूरी श्रद्धा और शांति के साथ निभाई जाती हैं.
जन्नती दरवाज़ा खोला जाएगा
उन्होंने आगे बताया कि झंडे की रस्म के साथ ही दरगाह में विभिन्न धार्मिक रस्मों की भी शुरुआत हो जाएगी. 21 दिसंबर को चांद रात की रस्म अदा की जाएगी और जायरीन के लिए दरगाह में जन्नती दरवाज़ा खोल दिया जाएगा, जो छह दिन तक खुला रहेगा. यदि 21 दिसंबर को रजब का चांद नजर नहीं आता है, तो जन्नती दरवाज़े को बंद रखा जाएगा और अगले दिन 22 दिसंबर को खोला जाएगा. यह पल हजारों लोगों के लिए बेहद खास होता है, जो इसे देखने और उसमें प्रवेश करने के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं. उर्स के दौरान दरगाह का माहौल पूरी तरह से आध्यात्मिक और भक्तिपूर्ण हो जाता है.
अजमेर शरीफ दरगाह कैसे पहुंचें?
अगर आप ट्रेन से अजमेर आते हैं, तो रेलवे स्टेशन से दरगाह के लिए ऑटो और रिक्शा आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. अपने निजी वाहन से भी आप सीधे दरगाह तक पहुंच सकते हैं. यदि आप फ्लाइट से यात्रा करते हैं, तो जयपुर एयरपोर्ट पहुंचना होगा, जहां से ट्रेन या बस के माध्यम से दरगाह पहुंचा जा सकता है. हालांकि, किशनगढ़ में भी एयरपोर्ट मौजूद है, लेकिन वहां फिलहाल बहुत कम फ्लाइट्स ही उपलब्ध रहती हैं.
About the AuthorMonali Paul
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
Location :
Ajmer,Rajasthan
First Published :
December 13, 2025, 21:16 IST
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जानिए अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्स 2025: तारीखें व खास रस्में



