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Gambhir Challenge: कोहली-रोहित को कैसे करेंगे डील? गौतम के सामने गंभीर चैलेंज, नहीं बन पाएंगे बॉस…

नई दिल्ली. गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच बन गए हैं. उनके सामने राहुल द्रविड़ की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है. कोच द्रविड़ की अगुवाई में भारत ने दो साल में 3 आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई और एक ट्रॉफी भी जीती. यह इत्तफाक ही है कि अगले दो साल में आईसीसी के 3 इवेंट ही होंगे. अब देखना है कि कोच गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में भारतीय टीम इस दौरान कैसा प्रदर्शन करती है.

टीम इंडिया में बदलाव का दौरराहुल द्रविड़ ने वर्ल्ड कप जिताकर कोच की कामयाबी का मानक सेट कर दिया है. गौतम गंभीर अगर भारत को आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला पाते हैं, तो उनकी गिनती कामयाब कोच में नहीं हो पाएगी. अब ट्रॉफी तो कामयाबी का मानक बन ही चुकी है. लेकिन इसके रास्ते में आती है वह टीम, जो इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है. टीम इंडिया के इस बदलाव में गंभीर का क्या रुख होगा, यहां से भी कई चीजें तय होंगी.

छवि एग्रेसिव और आंकड़े बेहतरीनआमतौर पर गौतम गंभीर की छवि एग्रेसिव और पजेसिव कैप्टन-कोच की रही है. गंभीर टी20 वर्ल्ड कप फाइनल (2007) और वनडे वर्ल्ड कप फाइनल (2011) के टॉप स्कोरर रहे, जो बताता है कि वे बड़े मैचों के खिलाड़ी थे. बतौर कप्तान उनके नाम आईपीएल की दो ट्रॉफी हैं. भारत के लिए उन्होंने कुछ मैचों में ही कप्तानी की, लेकिन कामयाबी का आंकड़ा बेहतरीन रहा. गंभीर बतौर मेंटोर भी केकेआर को आईपीएल 2024 का चैंपियन बना चुके हैं.

फुटबॉल कोच की तरह आक्रामकगौतम गंभीर के कामयाबी के इस सफर में सबने देखा कि वे अपनी टीम के ज्यादातर निर्णय लेते दिखते हैं. बतौर कप्तान तो यह उनका हक है, लेकिन बतौर मेंटोर-कोच भी वे काफी आक्रामक होते हैं. आईपीएल में डग आउट पर उनके रिएक्शन क्रिकेट कोच की बजाय फुटबॉल कोच की तरह होते हैं. कई बार ऐसा लगा कि अगर उनका बस चलता तो वे मैदान पर आकर ही फील्डर को झाड़ लगा देते.

चैपल ने नहीं माना स्टार कल्चरपिछले 20 साल में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रहे दिग्गजों पर नजर डालें तो गौतम गंभीर कुछ हद तक ग्रेग चैपल की शैली के नजर आते हैं. गंभीर साफ कहते हैं कि टीम गेम में किसी खिलाड़ी को एक हद के बाद तवज्जो नहीं दी जा सकती. जबकि भारत में क्रिकेटर का सुपरस्टार या भगवान हो जाना बड़ी बात नहीं है. यह तो परंपरा है. यहां तो क्रिकेटरों के भक्त भी मिलते हैं और मंदिर भी. ऐसे में गंभीर को अपने अप्रोच में थोड़ा बदलाव करना पड़ सकता है. चैपल ने अपने ऑस्ट्रेलियन अप्रोच में बदलाव नहीं किया था. उन्होंने स्टार कल्चर को पूरी तरह अस्वीकार किर दिया था. नतीजा चैपल के समय में टीम इंडिया दो धड़ों में बंट गई थी. क्रिकेट वर्ल्ड कप में सबसे खराब प्रदर्शन भी चैपल के कार्यकाल में ही आया.z

आईपीएल 2024 के एक मैच के दौरान गौतम गंभीर और रोहित शर्मा. (AFP)
आईपीएल 2024 के एक मैच के दौरान गौतम गंभीर और रोहित शर्मा. (AFP)

रोहित-कोहली के रहते बॉस नहीं बन सकतेयह तय है कि रोहित शर्मा के कप्तान रहते और किंग विराट कोहली के रहते गौतम गंभीर वैसे बॉस नहीं बन पाएंगे, जैसे वे आईपीएल टीमों में रहे हैं. वो कहते हैं ना कि बॉस एक ही होता है. भारतीय क्रिकेट में बॉस कल्चर सौरव गांगुली के दौर में शुरू हुआ था, जो आज भी जारी है. यहां कप्तान के पास ही सुपरपावर या वीटो पावर होता है. कप्तान सिर्फ अपनी पसंद की टीम नहीं चाहते, बल्कि कई बार कोच भी उनकी मर्जी का ही बनता है. क्रिकेटप्रेमी भूले नहीं होंगे जब क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी की सिफारिश के बावजूद अनिल कुंबले कोच नहीं बन पाए थे क्योंकि तब के कप्तान विराट कोहली की पसंद रवि शास्त्री थे. बाद में कोहली की पसंद शास्त्री ही कोच बने.

2027 तक के लिए बने हैं कोचकोच गौतम गंभीर वनडे वर्ल्ड कप 2027 तक के लिए भारतीय टीम के कोच बने हैं. कोई शक नहीं कि वे अपना मास्टर प्लान लेकर आए होंगे. साल 2027 तक कप्तान रोहित शर्मा 40 साल के हो चुके होंगे. रोहित ने यह साफ नहीं किया है कि वे 2027 का वर्ल्ड कप खेलना चाहेंगे या नहीं. वैसे भी अभी इसके लिए काफ वक्त है. हो सकता है कि रोहित एक-डेढ़ साल बाद इस पर अपनी कोई राय बनाएं. लेकिन गौतम के पास इतना वक्त नहीं है. उन्हें अपना प्लान बी तैयार रखना होगा. अगर रोहित वर्ल्ड कप 2027 में खेलते हैं तो कप्तान वही रहेंगे या कोई और. वैसे तो कप्तान चुनना चयनकर्ताओं का काम है. लेकिन कोच की सारी जुगलबंदी कप्तान के साथ ही होती है. कोई भी कोच कप्तान के साथ मिलकर ही टीम को कामयाब बना सकता है. ऐसे में गौतम को यह याद रखना होगा कि वे सपोर्टिव रोल में हैं, निर्णायक नहीं.

आईपीएल 2024 के एक मैच के दौरान गौतम गंभीर और विराट कोहली.
आईपीएल 2024 के एक मैच के दौरान गौतम गंभीर और विराट कोहली.

कोहली-गंभीर की ‘मुहब्बत’ जगजाहिरगौतम गंभीर की चुनौतियों की बात बिना विराट कोहली के खत्म नहीं हो सकती. इन दोनों की ‘मुहब्बत’ क्रिकेटप्रेमियों ने भरे मैदान पर देखा है. सबने देखा है कि कैसे एक अफगान प्लेयर (नवीन उल हक) के लिए गौतम गंभीर विराट कोहली से जा भिड़े थे. वह तो अमित मिश्रा थे, जिन्होंने बीचबचाव कर स्थिति संभाल ली थी. कोहली मौजूदा टीम के सबसे बड़े स्टार हैं. सबसे कामयाब बैटर. सबसे फिट क्रिकेटर. उनकी उम्र भी रोहित से दो साल कम है. रोहित के 2027 के वर्ल्ड कप खेलने को लेकर भले ही संशय हो, लेकिन कोहली के बारे में ऐसे सवाल कम ही उठते हैं.

गौतम गंभीर हों या कोई और कोच, यकीनन वह अपने फॉर्मूले पर ही चलेगा. लेकिन गंभीर के सामने कामयाबी का एक ऐसा फॉर्मूला है, जो उनकी चुनौतियां कम कर सकता है. यह फॉर्मूला उनके सीनियर राहुल द्रविड़ का है, जो टीम के साथ ऐसे घुलमिल जाते हैं, जैसे उनके साथी हों, बड़े भाई हों. द्रविड़ हर कामयाबी पर खिलाड़ियों को आगे कर देते हैं. जब टीम नाकाम होती है या हारती है तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में द्रविड़ दिखते हैं. द्रविड़ अपनी इसी शैली से टीम इंडिया के हर सदस्य के अजीज बनते हैं. गौतम गंभीर को भी टीम में बड़े भाई की भूमिका निभानी होगी.

Tags: Gautam gambhir, Indian Cricket Team, Rohit sharma, Team india, Virat Kohli

FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 12:57 IST

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