भारत महान लोकतंत्र…आप यूं ही हल्ला मचाते रहिए, सुन लीजिए नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने क्या कहा – Maria Corina Machado 2025 Nobel Peace Prize winner hailed india as great democracy example for other countries

Agency:एजेंसियां
Last Updated:October 25, 2025, 11:04 IST
Maria Corina Machado: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो ने भारत को महान लोकतंत्र और अन्य देशों के लिए उदाहरण बताया. उन्होंने भारत को महान सहयोगी भी बताया है.
साल 2025 का नोबेल पीस प्राइज जीतने वलीं मारिया कोरिना मचाडो ने भारत को महान लोकतंत्र बताया है. (फोटो: एपी)
Maria Corina Machado: भारत में विपक्षी दल के नेता अक्सर ही देश में ‘लोकतंत्र खतरे में है’ का सुर छेड़ते रहते हैं, पर सात समंदर पार इंडियन डेमोक्रेसी का परचम फख्र के साथ लहरा रहा है. इसकी तस्दीक साल 2025 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो का बयान करता है. उन्होंने भारत की लोकतंत्र की सराहना करते हुए महान सहयोगी बताया है. वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए दो दशक से अधिक समय से संघर्ष कर रहीं मचाडो ने भारत को ‘महान लोकतंत्र’ और ‘अन्य देशों के लिए उदाहरण’ बताया है. मचाडो ने कहा कि शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक संक्रमण के बाद भारत और वेनेजुएला के संबंध कई क्षेत्रों में मजबूत हो सकते हैं.
मचाडो पिछले 15 महीनों से छिपकर रह रही हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत हमारे लिए एक महान सहयोगी बन सकता है. मैं उम्मीद करती हूं कि बहुत जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करूंगी और एक आजाद वेनेजुएला में उनका स्वागत करूंगी.’ भारत की वैश्विक भूमिका पर उन्होंने कहा, ‘भारत कई देशों और पीढ़ियों के लिए उदाहरण रहा है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर आपकी बड़ी जिम्मेदारी है कि आप इसे और मजबूत बनाए रखें, क्योंकि दुनिया भर में कई देश आपसे प्रेरणा लेते हैं. लोकतंत्र को हमेशा मजबूत किया जाना चाहिए और इसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए.’महात्मा गांधी से ली प्रेरणा
मचाडो ने भारत के प्रति अपने गहरे लगाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘मैं पूरे दिल से भारत की प्रशंसा करती हूं. मेरी बेटी कुछ महीनों पहले भारत गई थी और उसे आपका देश बहुत पसंद आया. मेरे कई दोस्त भारत में रहते हैं और मैं भारतीय राजनीति का भी अनुसरण करती हूं.’ महात्मा गांधी को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘अहिंसा कमजोरी नहीं होती. गांधीजी ने इसे पूरी मानवता को दिखाया. उनके संघर्ष ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है.’ लोकतंत्र लौटने के बाद वेनेजुएला में निवेश के द्वार खुलने की उम्मीद जताते हुए मचाडो ने कहा कि जब हम इस आपराधिक समाजवादी संरचना को खत्म कर आगे बढ़ेंगे, तब एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीकॉम सहित कई क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के लिए बड़े अवसर होंगे.
वेनेजुएला में चुनाव पर रिएक्शन
मचाडो ने साल 2024 के राष्ट्रपति चुनावों पर भी विस्तार से बात की. उनके मुताबिक 28 जुलाई 2024 को विपक्ष ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी.उन्होंने कहा, ‘मैं विपक्ष की ओर से उम्मीदवार चुनी गई थी और 93% वोट मिले थे, लेकिन शासन ने मुझे चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया. इसके बाद एक ईमानदार और बहादुर राजनयिक ने यह जिम्मेदारी संभाली और हम 70% वोटों से जीते. हमारे पास 85% मूल मतगणना पर्चियों के सबूत हैं. लेकिन जीत के बाद शासन ने दमन शुरू कर दिया. हजारों निर्दोष लोग गायब हो गए, महिलाओं और बच्चों तक को यातनाएं दी गईं और मार डाला गया.’
‘ट्रंप हमारे मुख्य सहयोगी’
मचाडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वेनेजुएला में लोकतंत्र बहाली की लड़ाई में मुख्य सहयोगी बताया है. उनके अनुसार, दुनिया जानती है कि मादुरो और उनके साथी किस तरह के अपराधी हैं. अब अमेरिका और ट्रंप प्रशासन की दृढ़ कार्रवाई तथा लैटिन अमेरिका, कैरेबियन, यूरोप और उम्मीद है एशिया के देशों की बनी इस वैश्विक गठबंधन से मादुरो को समझ आ रहा है कि उसका समय समाप्त हो चुका है. उसके पास बातचीत के जरिये संक्रमण स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं. मचाडो ने कहा कि उनका संघर्ष वेनेजुएला के हर नागरिक के अधिकार और लोकतांत्रिक भविष्य के लिए जारी रहेगा और इस जंग में भारत की आवाज बेहद महत्वपूर्ण है.
Manish Kumar
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 25, 2025, 10:54 IST
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भारत महान लोकतंत्र…सुन लीजिए नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने क्या कहा



