Cartist Jaipur Working On The Country’s Vehicle Scrappage Policy – देश की व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी पर काम कर रहा जयपुर के आर्टिस्ट्स का ग्रुप

कार्टिस्ट के कलाकार ऑटोमोटिव वेस्ट से बना रहे डिजाइनर गोल्ड फर्नीचर रेंज

अनुराग त्रिवेदी
जयपुर. शहर के सस्टेन बाय कार्टिस्ट ग्रुप जलवायु परिवर्तन एवं सर्कुलर इकोनॉमी के उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और बेकार हो चुकी कारों के पुर्जों के साथ गोल्ड फर्नीचर रेंज बनाने का कार्य कर रहा है। कार्टिस्ट के फाउंडर हिमांशु जांगिड ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गुजरात इन्वेस्टर समिट में लॉन्च की गई भारत की व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ‘वेस्ट-टू-वेल्थ मिशन —कचरे से कंचन’ के साथ भी खड़ा है। इसके तहत हर किसी की जिम्मेदारी है कि वे दुनिया को बचाने के लिए आगे बढ़े और स्थायी तरीकों व नवीन विचारों के जरिए जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को रोकने में अपना योगदान दें।
कबाड़ हो चुकी कारों के पुर्जों से फर्नीचर
हिमांशु ने बताया कि कबाड़ हो चुकी कारों के पुर्जों व ऑटोमोटिव वेस्ट का प्रयोग कर डिजाइनर गोल्ड फर्नीचर रेंज तैयार की जा रही है। वेस्ट ऑटो पाटृर्स से फर्नीचर बनाकर इस पर गोल्ड की बारीक कारीगरी की जा रही है। पुराने ऑटोमोबाइल को हाथों से तैयार कर प्रकृति के तत्वों से प्रेरित दूसरा जीवन दिया जा रहा है, जिसके पीछे एक सस्टेनेबल ऑटो-आर्ट इकोसिस्टम बनाने का विचार है।
धरती पर वेस्ट होगा कम, कार्बन फुटप्रिंट में आएगी कमी
उन्होंने बताया कि सस्टेनेबल फर्नीचर तैयार करने और रीसाइक्लिंग व स्क्रैपिंग की लागत को कम करने के लिए हम ऑटोमोबाइल पाट्र्स का उपयोग कर उन्हें मुख्यधारा में लाते हैं। इससे धरती पर वेस्ट कम होता है, कार्बन फु टप्रिंट में कमी आती है और अपने अनमोल संसाधनों का संरक्षण होता है। इसके पीछे ऑटोमोबाइल उद्योग को तेजी से सर्कुलर इकोनॉमी की ओर तेजी से ले जाने का विचार है । सस्टेन बाय कार्टिस्ट में हम ऑटोमोटिव पार्ट्स को रिसायक्लिंग व अपसायक्लिंग को बढ़ावा देकर धरती के संतुलन को बहाल करते हैं। साथ ही इन पार्ट्स को हैडिक्राफ्टेड फर्नीचर की प्रक्रिया में शामिल करके हमारी कला व संस्कृति को भी बहाल कर रहे हैं।