Rajasthani Guddi made from unnecessary threads is in great demand in foreign countries, women are earning in lakhs, read the amazing story of Narendra Garva and his team

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 15, 2025, 15:55 IST
Rajasthani Design: जयपुर के नरेंद्र गर्वा ने गरीब महिलाओं के हाथों से बनाई गुदड़ी को विदेशों में मशहूर कर दिया है. सांगानेरी प्रिंट वाली गुदड़ियों की मांग कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी है. इसके तैयार होन…और पढ़ेंX
गुदड़ीयां कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में भी जाने लगी है.
हाइलाइट्स
नरेंद्र गर्वा ने सांगानेरी प्रिंट गुदड़ी को विदेशों में मशहूर कियागुदड़ी की मांग कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी हैमहिलाएं गुदड़ी बनाकर लाखों कमा रही हैं
जयपुर. कहते हैं कि अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता. जयपुर के नरेंद्र गर्वा ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. गर्वा ने गरीबों के आम जीवन में काम आने वाली कपड़े से बनी गुदड़ी को अमीरों की शान बना दी है. करोड़ों का बिजनेस करने वालों के घरों में गर्वा ने गरीब महिलाओं के हाथों से बनाई गई गुदड़ी पहुंचा दी है. आज की सफलता की कहानी में बात करेंगे नरेंद्र गर्वा की…
राजस्थान के पहले मोती पालक किसान बने नरेंद्र गर्वाजयपुर ग्रामीण के किशनगढ़ रेनवाल शहर के रहने वाले नरेंद्र गर्वा राजस्थान के पहले मोती पालक किसान हैं. वे मोती की खेती करते हैं. इसके अलावा वे प्रसिद्ध सांगानेरी प्रिंट की गुदड़ी बनाने का बिजनेस भी करते हैं. गर्वा ने कुछ साल पहले 15 महिलाओं के साथ मिलकर यह काम शुरू किया था, जो आज फलफूल रहा है. अब गरीब महिलाओं के द्वारा बनाई गई गुदड़ियां कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में भी जाने लगी हैं.
हाथों से होती है तैयारनरेंद्र गर्वा ने बताया कि देसी गुदड़ी बनाने का काम पूरा हाथों से होता है, इसमें किसी तरह की मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है. सुई और धागों का उपयोग कर बड़ी मेहनत से एक-एक गुदड़ी तैयार होती है. गर्वा ने बताया कि विदेशों में सांगानेरी प्रिंट वाली गुदड़ियों की अधिक मांग है. नरेंद्र ने अपने घर पर 15 औरतों को प्रशिक्षण देकर एक लघु इकाई उद्योग शुरू किया है. एक औरत एक दिन में 4 से 8 गुदड़ियां तैयार करती है.
कुछ करने के लिए शुरू किया ये कामनरेंद्र ने बताया कि मैंने कुछ अलग करने के इरादे से इस उद्योग को शुरू किया है. बहुत सी महिलाएं हैं जिनको घर के काम के अलावा कोई काम नहीं आता और वे घर खर्चा चलाने के लिए मजदूरी पर भी नहीं जा सकतीं. इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने यह काम शुरू किया है. इस काम से उन महिलाओं को भी काम मिल रहा है जो बीमार हैं. बैठे-बैठे वे काम कर सकती हैं और पैसे भी कमा सकती हैं. नरेंद्र गर्वा ने बताया कि आगामी दिनों में अधिक गुदड़ी की मांग बढ़ने पर और महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा.
विदेशों में भी डिमांडगर्वा ने बताया कि उनकी गुदड़ी की डिमांड कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में है. इसके अलावा जयपुर, जोधपुर और उदयपुर शहर में भी यह खूब बिक रही हैं. बड़े-बड़े फाइव स्टार होटल, रिजॉर्ट और बड़े-बड़े उद्योगपतियों के घरों में इनकी मांग अधिक है. इसके अलावा नरेंद्र की टीम ट्रेडिशनल बाजार में स्टाल लगाकर परंपरागत डिजाइन वाली गुदड़ी को आम लोगों तक भी पहुंचा रही है. उन्होंने बताया कि एक गुदड़ी की कीमत चार हजार से शुरू होती है और सबसे महंगी दस हजार तक है. गुदड़ी बनाने की लागत बहुत कम होती है. ऐसे में इस उद्योग से नरेंद्र और महिलाओं की टीम महीने के लाखों रुपए कमा रही है.
भारी डिमांड का ये है कारणनरेंद्र गर्वा ने बताया कि ठीक कॉटन और सूती धागों से बनी राजस्थानी गुदड़ियों के प्रयोग से नींद लेना बहुत सरल और सुखद हो जाता है. इसलिए इसकी मांग अधिक है. वहीं, गुदड़ी की डिजाइन और कलर का प्रयोग ऐसे किया जाता है जो वास्तु शास्त्र के अनुसार होते हैं. ऐसे में गुदड़ी के प्रयोग से नींद लेना बहुत आसान होता है.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
February 15, 2025, 15:55 IST
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विदेशियों को खूब भा रहा है राजस्थानी गुदड़ी, जमकर हो रही है ऑन डिमांड बिक्री