क्रिकेट मैचों में ऐसे ही नहीं हो रहे हैं चौकों और छक्कों की बारिश, बैट बनाने वाली कंपनियों ने किए हैं ये जादूई बदलाव

Last Updated:April 18, 2025, 10:58 IST
खिलाड़ियों को बेहतर क्वालिटी के बैट उपलब्ध कराने के साथ आईसीसी नियमों के अंतर्गत मेरठ के क्रिकेट कंपनियों द्वारा क्रिकेट बैट में कुछ आंशिक परिवर्तन किए गए हैं. जिससे बेहतर रिजल्ट भी ग्राउंड पर देखने को मिल रहा …और पढ़ेंX
बैट में परिवर्तन की जानकारी देते हुए
हाइलाइट्स
मेरठ के बैट में बदलाव से चौके-छक्कों की बारिश हो रही है.एसजी और एसएस कंपनियों ने बैट के शेप में परिवर्तन किया है.कंप्यूटराइज मशीनों से बैट की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
मेरठ: क्रिकेट की जब भी बात की जाती है, तो मेरठ के बैट का जिक्र ना हो यह संभव ही नहीं है. जी हां यह बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैच हो या फिर आईपीएल सभी में मेरठ के बल्ले से खिलाड़ी चौके छक्के लगते हुए दिखाई देते हैं. इन टूर्नामेंट्स में खिलाड़ी मेरठ की प्रतिष्ठित एसजी, एसएस कंपनी के बल्ले से खेलते हुए दिखाई देते हैं. ऐसे में लोकल-18 की टीम द्वारा मेरठ की स्पोर्ट्स मार्केट में व्यापारियों से खास बातचीत की, क्योंकि एसजी कंपनी ने अपने बल्ले में कुछ परिवर्तन किया है, जिसका बेहतर रिजल्ट भी देखने को मिल रहा है.
बल्ले के शेप में किया है परिवर्तन
मेरठ सूरजकुंड स्पोर्ट्स मार्केट में एसजी व एसएस कंपनी के ऑथराइज्ड डीलर दीपक तलवार ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि एसएस कंपनी द्वारा पहले से मोटे बल्ले तैयार किया जा रहे हैं, जो कि खिलाड़ियों को काफी पसंद आ रहे हैं. वहीं अब एससीजी कंपनी ने भी अपने बैट में परिवर्तन करते हुए इसे नीचे से थोड़ा मोटा बनाया है. इसके माध्यम से खिलाड़ी बेहतर शॉट लगाते हुए नजर आते हैं. उन्होंने बताया कि पहले एसीजी के बल्ले की अगर बात की जाए तो वह पतले आकार में बनाए जाते थे.
कंप्यूटराइज मशीन भी ला रही है बदलावदीपक तलवार बताते हैं कि वर्तमान समय में जिस तरह से क्रिकेट के प्रति युवाओं में क्रेज बढ़ रहा है. ऐसे में आधुनिक टेक्नोलॉजी उपयोग करते हुए क्रिकेट बैट भी तैयार किया जा रहे हैं. जिसके लिए अब मेरठ में कंप्यूटराइज मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. हालांकि, वह कहते हैं कि आज भी बैट को अंतिम फिनिशिंग देने में आपको कारीगर कार्य करते हुए दिखाई देंगे. इसकी वजह से विश्व में मेरठ क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखता है.
निर्धारित मानकों का होता है इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि भले ही बैट को अब पहले से मोटा बनाया जा रहा हो, लेकिन इसके वजन में कोई परिवर्तन नहीं है. बीसीसीआई और आईसीसी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही यह बैट तैयार किए जाते हैं. इसके लिए बैट कंपनियां आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं.
यह रहते हैं मानक
बताते चलें कि बैट की अधिकतम लंबाई 38 इंच अर्थात 96.52 सेंटीमीटर और चौड़ाई 4.25 इंच अर्थात 10.8 सेमी हो सकती है. बैट का वजन निर्धारित नहीं है, लेकिन यह आम तौर पर 2.8 पाउंड अर्थात 1.27 किग्रा से कम होता है. बैट की गहराई 6.7 सेंटीमीटर अर्थात 2.64 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए. किनारे की मोटाई चार सेंटीमीटर साथ 1.56 अधिक नहीं होनी चाहिए.
इंग्लिश विलो का होता है इस्तेमाल
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए एसीजी और एसएस सहित अन्य कंपनियों ने बैट के आकार वजन और संतुलन में बदलाव किए हैं, ताकि खिलाड़ियों का बेहतर प्रदर्शन और नियंत्रण मिल सके. इन बैट को बनाने में इंग्लिश विलो का उपयोग किया जाता है.
Location :
Meerut,Meerut,Uttar Pradesh
First Published :
April 18, 2025, 10:54 IST
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