Rajasthan

कोविड टीकाकरण पर खर्च करने के लिए राजस्थान मंत्री परिषद ने दान की एक महीने की बेसिक सैलरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों का एक महीने का मूल वेतन काटने का निर्णय किया गया था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों का एक महीने का मूल वेतन काटने का निर्णय किया गया था.

कैबिनेट मंत्री की प्रतिमाह बेसिक सैलरी 65 हजार रुपये है, जबकि राज्यमंत्री की 62 हजार. मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी प्रति माह 75 हजार रुपये है. इस तरह सभी मंत्रियों के वेतन से कटौती की गई राशि 13 लाख 45 हजार रुपये होती है.

जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर के पैदा हुई स्थितियों को देखते हुए गहलोत मंत्री परिषद् अपने एक महीने की बेसिक सैलरी मुख्यमंत्री सहायता कोष में डोनेट करने का फैसला किया है. इस राशि का इस्तेमाल कोविड-19 टीकाकरण के लिए किया जाएगा. वरिष्ठ शासन उप सचिव कैलाश चंद गुप्ता ने इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है. 13 लाख 45 हजार रुपये जुटेंगे आपको बता दें कि गहलोत मंत्री परिषद में फिलहाल 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्री शामिल हैं. मुख्यमंत्री समेत कुल 21 मंत्री है. कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार, एक कैबिनेट मंत्री की प्रतिमाह बेसिक सैलरी 65000 रुपये है, जबकि राज्यमंत्री की प्रति माह का बेसिक सैलरी 62000 रुपये है. मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी प्रति माह 75000 रुपये है. इस तरह कुल मिलाकर सभी मंत्रियों के वेतन से कटौती की गई राशि 13 लाख 45 हजार रुपये होती है. मंत्री परिषद की बैठक में किया था वेतन कटौती का निर्णयउल्लेखनीय की हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों का एक महीने का मूल वेतन काटने का निर्णय किया गया था. मुख्यमंत्री के निर्णय की पालना के तहत कैबिनेट सचिवालय ने वेतन कटौती का आदेश जारी किया है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के दानदाताओं, भामाशाह, गैर सरकारी संगठनों और कर्मचारियों से स्वैच्छिक रूप से कोविड फंड में दान देने का आग्रह किया था. कई एसोसिएशन ने रखा वेतन कटौती का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद IAS एसोसिएशन, IPS एसोसिएशन, RAS एसोसिएशन और RPS एसोसिएशन ने अपना वेतन काटने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है. राज्य के कुछ कर्मचारी संगठनों ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारियों का वेतन काटने का अनुरोध किया है. हालांकि राज्य सरकार ने अभी कर्मचारियों के वेतन कटौती पर कोई निर्णय नहीं किया है.





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