स्मॉग से हम भी जूझे… दिल्ली-NCR को प्रदूषण फ्री करने के लिए चीन ने बढ़ाया हाथ, ड्रैगन की सॉफ्ट डिप्लोमेसी

Last Updated:November 04, 2025, 21:41 IST
दिल्ली-एनसीआर में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है. गैस-चेंबर बन चुके पूरे उत्तर भारत को देखते हुए चीनी प्रवक्ता यू जिंग ने भारत की तरफ मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा, “हम भी स्मॉग से जूझे हैं, अनुभव साझा करने को तैयार हैं. चीन की सॉफ्ट डिप्लोमैसी के जरिए कहा कि वो प्रदूषण को खत्म करने में भारत की मदद कर सकते हैं.
दिल्ली में प्रदूषण पर चीन की राजदूत का बयान सामने आया.
नई दिल्ली. उत्तर भारत एक बार फिर जहरीली हवा की गिरफ्त में हैं. लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया है. आसमान में मौजूद धुंआ जनस्वास्थ्य संकट बन चुका है. लोग गैस चैंबर में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में पड़ोसी देश चीन ने भारत की तरफ मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “चीन भी कभी गंभीर स्मॉग से जूझता था. अब हमारे आसमान नीले हैं. हम भारत के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं, और हमें भरोसा है कि भारत भी जल्द वहां पहुंचेगा.”
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में 400 के पार पहुंच चुका है, जो गंभीर श्रेणी में आता है. दिल्ली के अलीपुर में AQI 420, आनंद विहार 403 और बवाना 390 के आसपास दर्ज हुआ. नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की हालत बेहद खराब रही. गाजियाबाद के लोनी में 420 का स्तर पार हो गया। यानी सांस लेना भी खतरे से खाली नहीं. सांस के मरीज लोगों को यह सलाह दी जा रही है कि अगर संभव हो तो कुछ महीनों के लिए दिल्ली-एनसीआर छोड़कर किसी दूसरे राज्य में चले जाएं। विशेषज्ञों के अनुसार इतनी जहरीली हवा में लगातार रहना फेफड़ों, आंखों और गले पर गंभीर असर डाल सकता है. बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा से पीड़ित लोगों को सुबह-शाम बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है.
चीन का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं. बावजूद इसके, पर्यावरण नीति के मोर्चे पर यह “सॉफ्ट डिप्लोमैसी” की मिसाल मानी जा रही है. बीजिंग ने पिछले एक दशक में उद्योगों को शहरों से बाहर शिफ्ट करने, वाहनों के उत्सर्जन पर सख्ती और स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल से अपने स्मॉग को काफी हद तक काबू में किया है.
पर्यावरण विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर भारत चीन से तकनीकी सहयोग और डेटा साझेदारी करे, तो वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं. लेकिन आलोचक यह भी कहते हैं कि बीजिंग का यह सहयोग प्रस्ताव कहीं न कहीं यह संदेश भी देता है कि जहां चीन ने अपने आसमान नीले कर लिए, भारत अब भी हर सर्दी में धुंध से जूझ रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान गिरने और हवाओं की रफ्तार कम होने से प्रदूषण और बढ़ सकता है. हालांकि मंगलवार या बुधवार को हल्की बूंदाबांदी से अस्थायी राहत की उम्मीद है.
Sandeep Gupta
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :
November 04, 2025, 21:24 IST
homenation
स्मॉग से हम भी जूझे… दिल्ली को प्रदूषण फ्री करने के लिए चीन ने बढ़ाया हाथ


