Rajasthan

राजस्थान चुनाव: शह और मात के खेल में बस एक कदम दूर चाचा-भतीजी, देखना होगी किसकी होगी नागौर शहर की सीट

कृष्ण कुमार/नागौर : राजस्थान विधानसभा के चुनाव में ऐसी कई हॉट सीट हैं जो चर्चा में रही है. लेकिन नागौर शहर की सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रही है. क्योंकि जो भतीजी पिछले उपचुनाव में चाचा के लिए प्रचार प्रसार कर रही थी वह अब चाचा के सामने चुनावी मैदान में है. जी हां नागौर शहर की सीट पर मिर्धा परिवार के सदस्य आमने सामने ही चुनाव लड़ रहे है.

नागौर में पहली बार ऐसा नहीं हुआ है. वर्ष 1984 में भी मिर्धा परिवार के दो सदस्य आमने सामने चुनाव लड़ चुके है जिसमें नाथूराम मिर्धा के खिलाफ राामनिवास मिर्धा ने चुनाव लड़ा था. अब चुनाव का परिणाम आने में कुछ घंटे ही बाकी है. नागौर शहर की सीट पर कौन बाजी मारेगा चाचा या भतीजी?

वैसे चुनाव के दौरान ज्योति मिर्धा ने ऐलान कर दिया था कि कबड्डी मे कोई काका भतीजी नही होता है. इस बयान के बाद नागौर शहर की विधानसभा की सीट लोगों के बीच चर्चा का विषय है. उसके बाद हरेन्द्र मिर्धा ने कहा बच्चे बड़े हो गऐ कोई भी चुनाव लड़ सकता है.

चाचा-भतीजी आमने-सामने

रामनिवास मिर्धा के पुत्र हरेंद्र मिर्धा नागौर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नाथूराम मिर्धा की पौत्री ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है. हरेंद्र मिर्धा और ज्योति मिर्धा रिश्ते में चाचा और भतीजी लगते हैं. पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा इस साल सितंबर में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं. वैसे नागौर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर मिर्धा घराने से ताल्लुक रखने वाले चार लोग चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने नागौर विधानसभा से हरेंद्र मिर्धा, डेगाना विधानसभा से विजयपाल मिर्धा और खींवसर से तेजपाल मिर्धा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा ने नागौर विधानसभा सीट से ज्योति मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारा है. नागौर में ‘मिर्धा बनाम मिर्धा’ के कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

39 साल पहले भी बने थे यही समीकरण

नागौर में कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा का मुकाबला भाजपा की ज्योति मिर्धा है. दोनों रिश्ते में चाचा भतीजी है. इस चुनाव ने लोगों को 39 साल पहले हुए चुनावों की याद दिला दी. आज से 39 वर्ष यानि 1984 पूर्व ऐसा हो चुका है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लोकसभा के चुनाव हुए तब नागौर की सीट चर्चा का विषय रही. क्योंकि तब रामनिवास मिर्धा व नाथूराम मिर्धा ने आमने सामने चुनाव लड़ा. जिसमें लोकदल से नाथूराम मिर्धा व कॉग्रेस से रामनिवास मिर्धा ने चुनाव लड़ा था जिसमें रामनिवास मिर्धा ने नाथूराम मिर्धा को 48000 हजार वोटों से शिकस्त दी थी.

सितंबर में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं ज्योति

ऐसा ही नागौर में इस बार विधानसभा चुनाव मे देखने को मिल रहा है. इस बार विधानसभा चुनाव में मुकाबला मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखने वाले चाचा और भतीजी के बीच है. रामनिवास मिर्धा के पुत्र हरेंद्र मिर्धा नागौर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. तो भाजपा ने नाथूराम मिर्धा की पौत्री ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है. हरेंद्र मिर्धा और ज्योति मिर्धा रिश्ते में चाचा और भतीजी लगते हैं. वहीं सितम्बर में ज्योति मिर्धा कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन की.

Tags: Local18, Nagaur News, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj