Rajasthan

खेतों में पकी फसल में बढ़ने लगा कीटों का खतरा, किसान हो जाएं सावधान, जानें विशेषज्ञ से क्या करें उपाय

Last Updated:March 04, 2025, 16:14 IST

Agriculture Tips: प्रदेश में इन दिनों तापमान लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में किसानों को पकी फसलों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ताकि समय पर कीटों जैसी समस्याओं का प्रबंधन किया जा सके. इसको लेकर कृषि विशेषज्ञ क्या सला…और पढ़ेंX
फसल
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हाइलाइट्स

किसानों द्वारा इस समय फसलों की निगरानी जरूरीकीट नियंत्रण के लिए कॉन्फिडोर का छिड़काव करेंटमाटर में कीट से बचाव के लिए पक्षी बसेरा लगाएं

सीकर:- प्रदेश में इन दिनों तापमान बढ़ रहा है, जिससे फसलों में कीट और रोगों के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में फसलों की समय-समय पर निगरानी करना जरूरी है, ताकि सही समय पर प्रभावी प्रबंधन किया जा सके. अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को अपनी फसलों इस समय ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस बारे में कृषि विशेषज्ञ बजरंग सिंह ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया, कि गेहूं और जौ की फसल में दाने की दूधिया अवस्था और दाना पकने के समय सिंचाई जरूर करनी चाहिए. इसके अलावा, इस मौसम में प्याज की फसल में थ्रिप्स की समस्या हो सकती है, इसलिए किसानों को इसके आक्रमण पर नजर बनाए रखनी चाहिए

कीट के समाधान के लिए करें ये उपाय वहीं आगे उन्होंने बताया, कि कीट के पाए जाने पर कॉन्फिडोर मात्रा 0.5 मिली को प्रति 3 लीटर पानी (किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि को 1.0 ग्राम प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें. नीला धब्बा रोग के लक्षण पाए जाने पर डाएथेन-एम-45 मात्रा 3 ग्राम प्रति लीटर पानी (किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि को 1 ग्राम प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें.

टमाटर-जीरा में कीट नियंत्रण के लिए करें उपायमौसम को ध्यान में रखते हुए टमाटर को फलीछेदक कीट से बचाने के लिए खेत में पक्षी बसेरा लगाएं. कीटों से नष्ट हुए फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें. साथ ही प्रति एकड़ 2 से 3 फेरोमोन प्रपंच लगाएं. धनिये में मुख्य कीट चेपा की रोकथाम के लिए नीम पाउडर 5 प्रतिशत या नीम तेल 2 प्रतिशत या इमिग्राक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत, 150 मिली. या थायानियाक्सान 25 उब्ल्यूजी. 100 ग्राम प्रति हैक्टेयर छिड़काव करें.

वहीं, जीरे की फसल में बीज बनने की अवस्था पर हल्की सिंचाई करें. जीरे की फसल में एफिड कीट का प्रकोप हो तो डाइमिथोएट 30 ईसी. एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से या ऐसीफेट 75 एस.पी. 750 ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से छिडकाव करें. इसके अलावा एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि जायद मूंग की बुवाई के लिए तैयारी करें. इसकी उन्नत किस्में आई.पी.एम. 02-03, पी.डी.एम. 139 एवं एस.एम.एल. 668 आदि हैं.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

March 04, 2025, 16:14 IST

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खेतों में पकी फसल में बढ़ने लगा कीटों का खतरा, किसान तुरंत करें ये काम!

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