धौलपुर का रहस्यमयी मचकुंड जहां श्रीकृष्ण ने किया कालयावन का अंत, आज भी महसूस होती है दिव्यता! – हिंदी

मचकुंड सरोवर: जहां भगवान श्रीकृष्ण ने रणछोड़ बनकर राक्षस को किया भस्म
Krishna Machkund Dholpur: राजस्थान का धौलपुर जिला भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी रहा है. यहीं पर स्थित है पौराणिक मचकुंड गुफा, जहाँ श्रीकृष्ण ने महाराज मचकुंड को विष्णुरूप में दर्शन दिए थे. कहा जाता है कि जब जरासंध ने मथुरा पर 18वीं बार आक्रमण किया, तब उसके साथ कालयावन नाम का राक्षस भी था. कालयावन भगवान शिव का परम भक्त था, और उसे शिव से यह वरदान प्राप्त था कि कोई भी उसे युद्ध में हरा नहीं सकेगा. इस विषम परिस्थिति को देखते हुए ही श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य लीला रची. श्रीकृष्ण ने यह समझ लिया कि कालयावन को सीधे युद्ध में पराजित नहीं किया जा सकता. इसलिए उन्होंने रणक्षेत्र छोड़ दिया और रणनीतिक रूप से पीछे हट गए. इसी घटना के कारण उन्हें “रणछोड़” कहा गया. कालयावन उनका पीछा करता हुआ लगभग 120 किलोमीटर दूर धौलागढ़ पर्वत की गुफा तक पहुँचा, जहाँ महाराज मचकुंड विश्राम कर रहे थे. यह पलायन सीधे युद्ध से बचने के लिए नहीं, बल्कि कालयावन के विनाश के लिए एक दिव्य योजना का हिस्सा था.
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मचकुंड सरोवर: जहां भगवान श्रीकृष्ण ने रणछोड़ बनकर राक्षस को किया भस्म




