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धरोहर : राजस्थान के धौलपुर में स्थित है कमल की आकृति में बना अष्टकोणीय शिव मंदिर, 175 साल पुराना है ये शिव मंदिर

Last Updated:December 23, 2025, 10:54 IST

Dharohar : धौलपुर का चोपड़ा महादेव मंदिर अपनी अद्भुत स्थापत्य कला, ऐतिहासिक महत्व और दिव्यता के लिए प्रसिद्ध है. 1856 में महाराज राणा भगवंत सिंह के मामा, दीवान राजधर कन्हैया लाल द्वारा बनवाया गया यह मंदिर कमल के आकार और नक्काशीदार दरवाजों के लिए जाना जाता है. यहां हर सोमवार और शिवरात्रि के दिन हजारों श्रद्धालु महादेव के दर्शन करने पहुंचते हैं.

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धौलपुर : राजस्थान में कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जो अपनी स्थापत्य कला और बारीक चित्रकारी की वजह से इतिहास के पन्नों में अपना विशेष स्थान रखते हैं. एक ऐसा ही मंदिर है धौलपुर जिला मुख्यालय पर है जो धार्मिक दृष्टि से और प्राचीन इतिहास के कारण राजस्थान में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है धौलपुर का चोपड़ा शिव मंदिर न केवल अपनी दिव्यता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि स्थापत्य कला की दृष्टि से राजस्थान के प्राचीन मंदिरों में भी शामिल है. इस प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण धौलपुर के महाराज राना भगवन्त सिंह के मामा राजधर कन्हैया लाल ने 1856 में कराया था राजधर कन्हैया लाल धौलपुर रियासत की दीवान हुआ करते थे.

धौलपुर का ऐतिहासिक प्राचीन चोपड़ा शिव मंदिर कमल की आकृति की तरह बना हुआ है मंदिर की दीवारों पर ब्रह्मा जी की प्रतिमा,पुष्प, पक्षियों के सुंदर चित्रों का बड़ी भव्यता और स्पष्टता से चित्रांकन किया गया है. चोपड़ा महादेव मंदिर की ऊंचाई 150 फीट है और मंदिर का गर्भ गृह अष्टकोणीय है. इस मंदिर की आठ दीवारों पर आठ दरवाजे भी बने हुए हैं. सभी आठ दरवाजों पर द्रविड़ शैली में नक्काशी की गई है. मंदिर की दीवारों पर अनेक प्रकार के पशु पक्षी का चित्रण किया गया है और भगवान की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं. मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचने के लिए 25 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं और मंदिर की हर एक सीढ़ी पर अद्भुत नक्काशी की गई है.

सैंपऊ महादेव मंदिर की अद्भुत कथाइतिहासकार अरविंद कुमार शर्मा बताते हैं महाराज राना भगवंत सिंह के मामा राजधर कन्हैयालाल सैंपऊ महादेव मंदिर के शिवलिंग को खोद कर धौलपुर के चोपड़ा मंदिर में स्थापित करवाना चाहते थे पर सैंपऊ महादेव मंदिर का शिवलिंग किसी भी मजदूर से हिला तक नहीं और इस शिवलिंग को धरती के अंदर से निकाला नहीं जा सका और मजबूरन राजधर कन्हैयालाल को चोपड़ा मंदिर में दूसरा शिवलिंग स्थापित करना पड़ा और बाद में धौलपुर के दीवान राजधर कन्हैयालाल ने सैंपऊ मैं भी विशाल शिव मंदिर का निर्माण करवा दिया.

चोपड़ा महादेव मंदिर में श्रद्धालु उमड़तेदयानन्द सरस्वती भी यहां पर महादेव का दुग्ध अभिषेक कर चुके हैं. पहले चोपड़ा महादेव मंदिर को कैलाश धाम के नाम से जानते थे. राजघराने के दीवान रहे कन्हैया लाल ने यहां चौकोर कुंड बनवाया था तभी से चोपड़ा महादेव मंदिर कहां जाने लगा. चोपड़ा महादेव मंदिर पर शिवरात्रि के दिन मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु महादेव के दर्शन करने आते हैं. हर सोमवार को भी भक्त महादेव के दर्शन करने आते हैं. भक्तों की दर्शन करने से मनोकामना पूरी होती है.

About the AuthorRupesh Kumar Jaiswal

A Delhi University graduate with a postgraduate Diploma in Journalism and Mass Communication, I work as a Content Editor with the Rajasthan team at India Digital. I’m driven by the idea of turning raw in…और पढ़ें

Location :

Dhaulpur,Rajasthan

First Published :

December 23, 2025, 10:54 IST

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धरोहर : धौलपुर चोपड़ा शिव मंदिर का इतिहास स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व

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