Rajasthan

आप धोखा खा जाएंगे! रेलवे स्‍टेशन है या होटल, हो चुके हैं तैयार, जानें इनके नाम

नई दिल्‍ली. यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे देश के 1337 रेलवे स्‍टेशनों को रिडेवलप कर रहा है. इनमें से कुछ स्‍टेशन तैयार हो चुके हैं. इनका डिजाइन देखकर आप धोखा खा जाएंगे कि होटल हैं रेलवे स्‍टेशन. इनमें जयपुर के कई स्‍टेशन शामिल हैं. जल्‍द ही इन स्‍टेशनों सुविधाओं को यात्री इस्‍तेमाल कर सकेंगे.

भारतीय रेल ने अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की, जिसके तहत 1337 से ज्यादा स्टेशनों का कायाकल्प शुरू हुआ. दो साल से भी कम समय में 103 स्टेशनों का काम पूरा हो चुका है, जो जल्द ही उद्घाटन के लिए तैयार हैं. इतनी तेजी से काम पूरा करना भारतीय रेल की बड़ी उपलब्धि है.

ये हैं राजस्‍थान के आठ स्‍टेशन

इस योजना के तहत राजस्थान के आठ स्टेशन—बूंदी, माण्डल-गढ़, देशनोक, गोगामेड़ी, गोविंदगढ़, मण्डावर-महुवा रोड, फतेहपुर शेखावाटी और राजगढ़ हैं, जो 75 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से विकसित किए गए हैं.

स्‍टेशनों की खासियत

इन स्टेशनों पर सुंदरता, सुविधा और स्थानीय संस्कृति का शानदार मेल है. स्टेशनों पर भव्य प्रवेश द्वार, आकर्षक डिजाइन, हाई मास्ट लाइटिंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, नए शौचालय और दिव्यांगजनों के लिए रैंप बनाए गए हैं. प्लेटफॉर्म पर छत, कोच इंडिकेशन बोर्ड और डिजिटल सूचना स्क्रीन लगाए गए हैं. सभी सुविधाएं दिव्यांग-अनुकूल हैं. साथ ही, हर स्टेशन पर राजस्थान की कला, संस्कृति और परंपराओं की झलक दिखती है.

हर स्‍टेशन का अलग-अलग डिजाइन

उदाहरण के लिए देशनोक स्टेशन का डिजाइन करणी माता मंदिर से प्रेरित है. यहां नया स्टेशन भवन, आधुनिक शौचालय, पार्किंग, कोच डिस्प्ले बोर्ड, पानी की सुविधा और साइन बोर्ड हैं. बूंदी स्टेशन, जो अपनी चित्रकला और किलों के लिए मशहूर है, अब एक सुंदर और यात्री-अनुकूल स्टेशन बन गया है. फतेहपुर शेखावाटी स्टेशन पर शेखावाटी शैली की चित्रकला और स्थापत्य कला दिखाई देती है. गोगामेड़ी, गोविंदगढ़, मण्डावर-महुवा रोड और माण्डल-गढ़ जैसे स्टेशन अब सिर्फ रुकने की जगह नहीं, बल्कि स्थानीय संस्कृति और सुविधा के केंद्र बन गए हैं.

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