IPL 2022 Playoffs: आरसीबी को मिला भाग्य का साथ, किस्मत भी दिल्ली से रूठ गई – ipl 2022 playoffs royal challengers bangalore reached as fate helped them but delhi capitals falters at the end | – News in Hindi

नई दिल्ली. 15वें आईपीएल के सीजन में प्लेऑफ मे पहुंची चार में से तीन टीमें ऐसी हैं, जिनके लिए यह पहला खिताब हो सकता है. तीन में से दो लखनऊ सुपर जाएंट्स और गुजरात टाइटंस तो पहली दफा लीग मे शामिल हुई है, जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को इतने वर्षों मे कभी भी खिताब जीतने का सुख नसीब नहीं हुआ. राजस्थान रॉयल्स की किस्मत मे भी सिर्फ एक बार खिताब आया है, वह भी आईपीएल के पहले सीजन मे जब उसने चेन्नई सुपर किंग्स को फाइनल मे हराकर 2008 का खिताब अपने नाम किया था. यह टीम 2013, 2015 और 2018 मे भी तीन बार प्लेऑफ खेली, लेकिन पहले सीजन के बाद कभी भी उसे ट्रॉफी पर हाथ रखने का मौका नहीं मिला.
उधर, आरसीबी के रिकॉर्ड ने तो कप्तान कोहली को भी परेशान कर दिया था, और कोहली ने इसलिए कप्तानी छोड़ी कि शायद उनके बिना टीम को खिताब का सुख नसीब हो जाए. बेंगलुरु कुल मिलाकर 6 दफा प्लेऑफ मे पहुंचा है, और तीन बार फाइनल खेले हैं, लेकिन रनर्स अप के टैग से आगे नहीं जा पाया. यानि इस बार यदि रॉयल्स के हाथ ट्रॉफी नहीं लगी तो लीग को नया चैंपियन मिलना तय है.
बेंगलुरु की किस्मत ने जमकर साथ दिया
तीन सप्ताह पहले इसी ब्लॉग मे हमने जिक्र किया था कि टॉप पर चल रही चार टीमों के प्लेऑफ मे जाने की बेहतर संभावनाए हैं और ज्यादा से ज्यादा दिल्ली को एंट्री मिल सकती है. कई उतार चढ़ाव और रोमांच के बीच कहानी आखिर वहीं पर खत्म हुई. पिछले लंबे समय से गुजरात, लखनऊ, राजस्थान और बेंगलुरू पहले चार मे थे, और अंत तक यही चार प्लेऑफ मे भी पहुंचे. इसमें बेंगलुरु की किस्मत ने जमकर साथ दिया, अन्यथा मामला उनके हाथ से निकल गया था. दो की लड़ाई मे तीसरे की भलाई की कहावत चरितार्थ हुई और मुंबई के हाथों कल रात मिली हार ने दिल्ली के सपने चूर किए और बेंगलुरु ने लगातार तीसरे सीजन प्लेऑफ मे जगह बनाई. राजस्थान की प्लेऑफ बर्थ कन्फर्म हो जाने के बाद आखिरी स्थान के लिए मुकाबला दिल्ली और आरसीबी के बीच था, दिल्ली जीतता तो प्लेऑफ मे होता.
किस्मत भी शायद दिल्ली से रूठ गई
बहरहाल बीती रात दिल्ली कैपिटल्स पर क्वालिफिकेशन का दबाव बिल्कुल साफ झलक रहा था. किस्मत भी शायद कल दिल्ली से रूठी हुई थी. मुकाबले से ठीक पहले तेज बारिश हुई और एक पल को लगा कि मैच पर असर पड़ सकता है. मैच तो सही समय पर शुरू हुआ, लेकिन टॉस दिल्ली हार गया. ओवरकास्ट वेदर मे टॉस मुंबई ने जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. दिल्ली के लिए पृथ्वी शॉ की वापसी हुई थी और उन्होंने टिकने की कोशिश भी की, लेकिन वॉर्नर जल्दी चले गए. हालात यह कि पावरप्ले के पहले 6 ओवर मे ही दिल्ली ने अपने तीन शुरुआती विकेट गंवा दिए थे. वॉर्नर के अलावा मिचेल मार्श और पृथ्वी शॉ भी आउट हो गए. ऋषभ पंत और रोवमैन पॉवेल ने हालात पर काबू पाने की कोशिश की और 75 रन की साझेदारी की, लेकिन दिल्ली की टीम, मुंबई के सामने जीत के लिए सिर्फ 160 का टारगेट सेट कर सकी.
बारिश के भीगे मौसम में बुमराह ने उगली आग
बारिश से भीगे मौसम में बुमराह आग उगल रहे थे, उन्होंने चार ओवर के अपने कोटे मे सिर्फ 25 रन देकर तीन विकेट लिए. मुंबई की शुरुआत भी बहुत धीमी थी, पॉवरप्ले मे उन्होंने सिर्फ 27 रन बनाए थे और रोहित शर्मा का विकेट गंवा दिया था. इस बीच पंत ने विकेट के पीछे डेवाल्ड ब्रेविस का एक बेहद आसान कैच छोड़ दिया, इतना ही नहीं टिम डेविड के खिलाफ डीआरएस भी नहीं लिया, जो कप्तान के तौर पर उन पर पड़ते दबाव को दिखा रहा था. डेविड का विकेट अगर मिला होता तो कहानी कुछ और हो सकती थी.
कोलकाता की पिच पर सभी टीमों होगी मुश्किलें
बहरहाल जो नहीं हुआ, सो नहीं हुआ. लीग का कारवां अब अपने निर्णायक दौर में पहुंच चुका है. मुकाबले अब मुंबई और पुणे से बाहर निकलकर कोलकाता और अहमदाबाद में होंगे. यह इसलिए भी बेहतर है कि लीग के 70 मैचों के दौरान इन विकेट्स का भरपूर इस्तेमाल हो चुका है, और अब मुकाबले नए और ताजे विकेट्स पर होंगे. क्वालीफायर वन मे टॉप दो टीमें गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स भिड़ेंगी, जो जीता सो फाइनल और जो हारा तो एक जीवनदान और क्वालीफायर दो में किस्मत आजमाने का मौका भी मिलेगा. इससे पहले एलिमिनेटर में लखनऊ सुपर जाएंट्स और आरसीबी के बीच भिड़ंत होगी.

राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच क्वालिफायर 1 मुकाबला खेला जाएगा. (@CabCricket)
पूरी लीग के दौरान बढ़त बनाए रखने के बावजूद लखनऊ नेट रनरेट में रॉयल्स से पिछड़ गया और एलिमिनेटर खेलने की वजह से प्लेऑफ के दौरान भी एक हार झेलने का उसका कुशन जाता रहा. इन चार टीमों मे से भले ही गुजरात टॉप पर हो, लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि उसने समय से पहले पीक कर लिया हो. इनमे अकेले गुजरात ही है, जिसने आखिरी 5 मैच मे से 3 हारे हैं, बाकी तीनों टीमों के खाते मे तीन-तीन जीत हैं.
उमरान मलिक आज आईपीएल 2022 में अंतिम बार दिखेंगे
बहरहाल दस में से 6 टीमों के लिए इस सीजन की लीग समाप्त हो चुकी है, आज आखिरी मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स के बीच होगा, लेकिन यह डेड रबर है, और इसका प्लेऑफ पर किसी भी तरह का असर नही पड़ेगा. हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन स्वदेश लौट चुके हैं. लीग के सबसे घातक तेज गेंदबाज उमरान मलिक आज लीग मे अंतिम बार दिखाई देंगे, हालांकि उनके दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चुने जाने की बेहतर संभावनाए हैं. अरक्षदीप सिंह, कगिसो रबाडा, शिखर धवन लीग मे आज आखिरी बार खेल रहे होंगे. इस बात की भी संभावनाए हैं की दोनों टीमें आज नए और युवा खिलाड़ियों को भी मौका दें, क्योंकि उनके पास खोने या पाने के लिए अब बहुत कुछ है नहीं.
सिर्फ दूसरी बार मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स प्लेऑफ में पहुंची
वैसे आईपीएल के 15वें सीजन को जिन बातों के लिए याद रखा जाएगा उनमें लीग की सबसे मजबूत टीमों का जमींदोज़ होना शामिल है. आईपीएल इतिहास मे ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स दोनों प्लेऑफ में न जा पाए हों. 2016 मे मुंबई इंडियंस 5वें नंबर पर थी और चेन्नई को लीग मे शामिल ही नहीं किया गया था. लेकिन इन दोनों चैंपियन टीमों के आखिरी दो पायदानों पर रहने का यह पहला मौका होगा. चेन्नई तो पहली बार 2020 मे प्लेऑफ मे नहीं पहुंची थी. इन दोनों चैंपियन टीमों को मंथन की जरूरत है. दोनों टीमें इस सीजन 14 मे से सिर्फ 4-4 मैच जीत सकी हैं. चेन्नई के ऋतुराज गायकवाड़ बल्लेबाजों की फेहरिस्त मे 18वें और शिवम दुबे 29वें नंबर पर है, इस टीम के लिए कोई भी बल्लेबाज 14 मैचों मे 400 का आंकड़ा भी नहीं छू सका.
कप्तान धोनी कुल 232 रन जोड़ सके जिसमे एक अर्धशतक शामिल था. शायद फैन फॉलोईंग के चलते धोनी की चर्चा ज्यादा, योगदान कम है, इस बात की भी संभावनाए हैं कि वह अगला सीजन भी खेलें. पहला सीजन खेल रहे मुकेश चौधरी ने ब्रेवो के साथ 16-16 विकेट लिए. इसी तरह मुंबई के लिए रोहित शर्मा का आउट ऑफ फॉर्म होना, परेशानी का सबब रहा. 19 की औसत से रोहित सिर्फ 268 रन बना सके और पूरे 14 मैचों मे उनके बल्ले से एक अर्धशतक भी देखने को न मिला. जबकि बटलर जैसे खिलाई ने तीन शतक और 3 ही अर्धशतक ठोके. कप्तान ही जब फ्रंट से लीड नहीं कर पाएगा, तो बाकी टीम का हौसला कैसे बढ़ेगा?
ईशान किशन प्राइस टैग को जस्टीफाई नहीं कर सकेईशान किशन ने चार सौ का आंकड़ा पार किया जरूर, पर अपने प्राइस टैग को जस्टीफाई न कर सके. एक उभरती हुई प्रतिभा के तौर पर तिलक वर्मा का सीजन शानदार रहा उन्होंने 397 रन बनाए. कमोबेश यही सिलसिला दो बार खिताब जीत चुकी कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ रहा.
वैसे भी इस टीम के प्रबंधन को लेकर अक्सर खिलाड़ियों मे थोड़ा असंतोष झलकता है, इस बार भी टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर का दर्द छलक ही गया. टीम बनाना और टीम के रिदम को बनाए रखने मे फ़र्क है, यह मूल मंत्र जितनी जल्दी समझ लिया जाएगा, टीमों के प्रदर्शन मे उसी अनुपात मे जल्दी फर्क भी आएगा.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

संजय बैनर्जीब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट व कॉमेंटेटर
ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट व कॉमेंटेटर. 40 साल से इंटरनेशनल मैचों की कॉमेंट्री कर रहे हैं.
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