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Reet Paper Leak Cm Ashok Gehlot Kirodi Lal Meena Reet Exam Result | रीटोत्सव नहीं चीटोत्सव: किरोड़ी बोले दोषियों की संपत्तियों पर बेरोजगारों के साथ मिलकर बुलडोजर चलावाएंगे

रीट लेवल—2 का पेपर भले ही सरकार ने रद्द कर दिया हो, लेकिन भाजपा की सीबीआई जांच की मांग बरकरार है। इस पूरे मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सरकार पर लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं।

जयपुर

Published: February 07, 2022 10:04:59 pm

रीट लेवल—2 का पेपर भले ही सरकार ने रद्द कर दिया हो, लेकिन भाजपा की सीबीआई जांच की मांग बरकरार है। इस पूरे मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सरकार पर लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं।

रीटोत्सव नहीं चीटोत्सव: किरोड़ी बोले दोषियों की संपत्तियों पर बेरोजगारों के साथ मिलकर बुलडोजर चलावाएंगे

रीटोत्सव नहीं चीटोत्सव: किरोड़ी बोले दोषियों की संपत्तियों पर बेरोजगारों के साथ मिलकर बुलडोजर चलावाएंगे

किरोड़ी ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि डोटासरा ने इसे रीटोत्सव कहा था, लेकिन यह रीटोत्सव नहीं चीटोत्सव था। उन्होंने सरकार से प्रत्येक अभ्यर्थी को चार महीने परीक्षा तैयारी में खर्च 90 हजार रुपए का मुआवजा देने के साथ ही परीक्षा को रद्द कर मामले की सीबीआई जाचं कराने की मांग की। उन्होंने सीएमओ में कार्यरत एक अधिकारी के भी इस पेपर लीक मामले से तार जोड़ते हुए कहा कि सरकार हर दोषी पर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जेडीए के विजिलेंस अफसरों रामकृपाल मीणा की तीन मंजिला बिल्डिंग को तोड़ा, वैसे ही अन्य दोषियों की संपत्तियों को भी तोड़े। नहीं तो मैं खुद बेरोजगारों केसाथ मिलकर जेसीबी से इन भवनों पर कार्रवाई करूंगा। किरोड़ी ने परीक्षा में 1 लाख 23 हजार अभ्यर्थियों को 140 से ज्यादा अंक मिलने को भी जांच का विषय बताया।

हर अभ्यर्थी को मुआजवा के 50 हजार दे सरकार उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा रीट परीक्षा 2021 के लेवल 2 को रद्द किया जाना ही रीट पेपर लीक प्रकरण का समाधान नहीं है। रीट परीक्षा में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है जिसके तार राज्य मंत्रिमंडल, कांग्रेस से जुड़े संगठन राजीव गांधी स्टडी सर्किल व अन्य ऊंचे पदों पर बैठे लोगों से जुड़े हुए हैं, इसलिए सरकार को महज परीक्षा रद्द करके इतिश्री नहीं करनी चाहिए। पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच करवानी चाहिए। साथ ही सरकार आवेदन शुल्क के नाम पर वसूली गई करोड़ों रुपए की राशि अभ्यर्थियों को वापिस लौटाए तथा मुआवजे के रूप में 50-50 हजार रुपए प्रत्येक परीक्षार्थी को देने चाहिए।

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