Rajasthan

Public Opinion : आरामदायक सफर नहीं, बसें बन गईं जानलेवा… सुरक्षा इंतजाम न के बराबर, जनता का फूटा गुस्सा!

Last Updated:October 15, 2025, 18:19 IST

Jodhpur News: जोधपुर में प्राइवेट बसों की सुरक्षा पर सवाल, जनता और युनुस खान ने सरकार से सख्त कदम की मांग की. मोहमद अली ने रोडवेज बसों को सुरक्षित बताया, प्रशासन से जांच की अपील की.

जोधपुर. सरकारी हो या प्राइवेट, अब आरामदायक सफर भी जानलेवा साबित हो रहा है. आखिर कब तक बसों में आग लगती रहेगी और मासूम यात्री अपनी जान गंवाते रहेंगे? जनता का गुस्सा फूट पड़ा है. लोकल 18 से खास बातचीत में लोगों ने बताया कि अगर सरकार सख्त कदम नहीं उठाएगी तो हादसे थमने वाले नहीं हैं. जनता का आरोप है कि प्राइवेट बसों में सुरक्षा इंतजाम न के बराबर हैं और नियमों की पालना सिर्फ कागज़ों में हो रही है.

युनुस खान ने बताया कि आज हमारी जान जा रही है. अगर हमारी देखरेख सरकार नहीं रखेगी तो कौन रखेगा? हमारे पास परिवहन मंत्री हैं, चिकित्सालय मंत्री हैं, मुख्यमंत्री हैं. अगर ये सब राजस्थान के हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करेंगे, तो जनता हमेशा दुखी ही रहेगी. मेरा सुझाव है कि सरकार प्राइवेट बसों पर सख्त नियंत्रण रखे. सरकारी बसों की सुविधाएं तो ठीक हैं, लेकिन पुरानी बसों में एसी की फिटिंग सही नहीं होती. इन बसों के कांच इतने मजबूत होते हैं कि हादसे के वक्त झटके से टूटते नहीं हैं और जान का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, ड्राइवर और स्टाफ सवारियों की जल्दबाजी में सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते. जब तक सरकार इस पर नियंत्रण नहीं करेगी, ऐसे हादसे होते रहेंगे. हम आज दुखी हैं और आने वाला समय भी इसी तरह दुखद रहेगा.

आसान सफर नहीं, अब बसें बन गईं जानलेवामोहमद अली ने कहा कि आजकल जो आरामदायक सफर कहलाता है, वही अब जानलेवा साबित हो रहा है. पहले की पुरानी सरकारी रोडवेज बसें सुरक्षित थीं और उन्हीं में सफर करना बेहतर होता था. मेरा सुझाव है कि प्राइवेट बसों से हमेशा दूरी बनाए रखें. ये बसें बहुत तेज़ चलती हैं और प्रतिस्पर्धा के कारण खतरा बढ़ जाता है. डबल सीटर डिज़ाइन के कारण संतुलन भी सही नहीं रहता और छोटा सा हादसा भी बड़ा रूप ले सकता है. इन बसों में सवारियों को ठूंस-ठूंसकर बैठाया जाता है और सुरक्षा पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता.

प्रशासन को करनी चाहिए जांचप्रशासन को भी जांच करनी चाहिए कि आखिर आग क्यों लगी. यह देखना चाहिए कि इन बसों को आरटीओ से परमिट मिला था या नहीं. आरटीओ को सक्रिय होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बसों में इतनी सवारियां कैसे चढ़ाई जा रही हैं. बसों में आग लगने की स्थिति में फायर सेफ्टी उपकरण होने चाहिए, जिससे आग पर तुरंत काबू पाया जा सके. जब जनता से किराया लिया जा रहा है, तो उनकी जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बस संचालकों पर है. फायर सेफ्टी उपकरण बसों में अनिवार्य होने चाहिए.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jodhpur,Rajasthan

First Published :

October 15, 2025, 18:19 IST

homerajasthan

आरामदायक नहीं, बसें बन गईं जानलेवा…सुरक्षा इंतजाम शून्य, जनता का फूटा गुस्सा

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj