कजाकिस्तान में दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का सबसे बड़ा भंडार मिला.

Last Updated:April 04, 2025, 15:42 IST
Rare Earth Metals Discovered in Kazakhstan: कजाकिस्तान में करागांडा क्षेत्र में दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का सबसे बड़ा भंडार मिला है. इसमें करीब एक मिलियन टन तत्व हैं. यह खोज EU-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन से पहले हुई ह…और पढ़ें
कजाकिस्तान में अब तक का सबसे बड़ा दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का भंडार खोजा गया है. (सांकेतिक फोटो Shutterstock)
हाइलाइट्स
कजाकिस्तान में दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का बड़ा भंडार मिला.भंडार में सेरियम, लैंथेनम, नियोडिमियम और यट्रियम शामिल.EU, रूस, चीन और तुर्की इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं.
Rare Earth Metals Discovered in Kazakhstan: मध्य एशिया के देश कजाकिस्तान में एक एसी चीज मिली है जिससे देश मालामाल हो सकता है. दरअसल कजाकिस्तान में अब तक का सबसे बड़ा दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का भंडार खोजा गया है. माना जा रहा है कि इसमें करीब एक मिलियन टन तत्व हैं. इस धातु को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए अहम माना जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार दुर्लभ पृथ्वी धातुओं में 17 कच्चे माल होते हैं. यह ग्रीन एनर्जी के लिए बहुत जरूरी है. साथ ही चीन, रूस, अमेरिका और यूरोप में इनकी भारी मांग है. कजाकिस्तान उद्योग मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि “यह कजाकिस्तान में अब तक का सबसे बड़ा भंडार है.”
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कहां मिला है यह भंडार? यह भंडार कजाकिस्तान के करागांडा क्षेत्र में मिला है. इसमें सेरियम, लैंथेनम, नियोडिमियम और यट्रियम शामिल हैं. इस खोज की घोषणा यूरोपीय यूनियन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन से पहले की गई. बता दें कि यह उज्बेकिस्तान में शुरू हो रहा है. इस क्षेत्र में EU, रूस, चीन और तुर्की अपने प्रभाव को मजबूत बनाना चाहते हैं और एक दूसरे के प्रभुत्व को पछाड़ना चाह रहे हैं. शिखर सम्मेलन में पांच मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेता शामिल होंगे. इसके साथ ही यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा भी शामिल होंगे.
कजाकिस्तान के उद्योग मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि नए स्थल पर संसाधनों की संभावित मात्रा 20 मिलियन टन से अधिक हो सकती है. उद्योग मंत्रालय के अनुसार सत्यापन और अतिरिक्त शोध किया जाए तो कजाकिस्तान की स्थिति ही बदल जाएगी. मंत्रालय ने कहा कि “यह भविष्य में कजाकिस्तान को शीर्ष दुर्लभ पृथ्वी धातुओं के भंडार वाले देशों में शामिल कर सकता है.”
कजाकिस्तान को विदेशी निवेश की तलाशगौरतलब है कि EU 2050 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करना चाहता है. वह इस क्षेत्र में दुर्लभ धातुओं और प्राकृतिक संसाधनों में रुचि रखता है. कजाकिस्तान के पास वह जरूरी तकनीक नहीं है जिसकी उसे आवश्यकता है. इसलिए वह विदेशी निवेश की तलाश कर रहा है. दूसरे देश इसे एक मौके के रूप में देख रहे हैं. अब आने वाला समय ही बताएगा कि इस दुर्लभ धातुओं के भंडार का क्या होता है.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
April 04, 2025, 15:42 IST
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