Rajasthan

डायबिटीज के मरीजों में त्वचा की समस्या लिवर को कर सकती है खराब | Skin Trouble a Sign of Liver Damage in Diabetic Indians, Says Study

इस त्वचा की समस्या को एकेंथोसिस नाइग्रिकन्स (Acanthosis Nigricans) कहते हैं। यह आमतौर पर उन लोगों में पाई जाती है जिन्हें इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होती है। यह गर्दन के पीछे के अलावा बगल, कोहनी, घुटने और कमर में भी हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि “प्राइमरी केयर डायबिटीज” नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि “एकेन्थोसिस नाइग्रिकन्स भारतीय मूल के एशियाई लोगों में टाइप 2 मधुमेह के साथ लिवर में फैट और फाइब्रोसिस (लिवर खराब होने के संकेत) के खतरे का पता लगाने के लिए आसानी से पहचाने जाने वाला निशान हो सकता है। इससे शुरुआती अवस्था में ही इसका पता लगाकर इलाज किया जा सकता है।”

यह अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 मधुमेह जल्दी होता है। अध्ययन के सह-लेखक और फोर्टिस सी-डॉक अस्पताल के कार्यकारी अध्यक्ष एवं निदेशक (डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी) डॉ अनूप मिश्रा का कहना है कि, “टाइप 2 मधुमेह के रोगियों को लेकर किए गए इस अध्ययन में हमने पाया कि एकेंथोसिस नाइग्रिकन्स और लिवर में फैट जमा होने और फाइब्रोसिस (लिवर खराब होने के संकेत) के बीच सीधा संबंध है।”

अध्ययन के लिए टीम ने 300 लोगों की जांच की जिनको टाइप 2 मधुमेह था और उनमें से कुछ को एकेंथोसिस नाइग्रिकन्स की समस्या थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह त्वचा संबंधी समस्या महिलाओं, अधिक वजन या मोटे लोगों और टाइप 2 मधुमेह के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में ज्यादा देखी गई।

(आईएएनएस)

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