Vasundhara Raje News: वसुंधरा राजे के बयान के पीछे की असली वजह क्या है? ये 3 स्टेटमेंट उगागर कर देंगे नाराजगी, किस पर निशाना?
जयपुर : राजस्थान में भाजपा में सियासत तेज हो गई है. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के एक बयान ने ऐसी हलचल पैदा की है, जो शांत होने का नाम नहीं ले रही. दरअसल, वसुंधरा राजे ने मंगलवार शाम को एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि “किसी को पीतल की लौंग मिल जाए तो खुद को सर्राफा समझने लगता है.” लेकिन राजे के इस तरह के बयान नए नहीं है. राजस्थान में विधानसभा चुनावों के बाद जब राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, उसके बाद से इस तरह के बयानों की शुरुआत हो गई थी. अब सिलसिलेवार तरीके से वसुंधरा राजे के बयानों और उनके मायनों को समझने की कोशिश करते है कि आखिर वसुंधरा राजे के बयान आने के पीछे की असली वजह क्या है.
राजस्थान में 12 दिसंबर 2023 मंगलवार का वो दिन, जब एक पर्ची से राजस्थान की सियासत पलट गई. ये वो दिन था जब राजस्थान में भाजपा सत्ता में लौटी और भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया. दिल्ली से केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को ऑब्जर्वर बनाकर जयपुर भेजा गया था, जिन्होंने भजनलाल शर्मा के नाम की पर्ची वसुंधरा राजे को थमाई थी, लेकिन इससे पहले वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के बीच एक होटल में मुलाक़ात भी हो चुकी थी. फिर भी पर्ची पर लिखे भजनलाल शर्मा के नाम को पढ़ते वक़्त वसुंधरा राजे चौंक उठती है, क्योंकि पर्ची पर बतौर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नाम लिखा था. इस पूरे घटनाक्रम के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नाराजगी कई मौकों पर देखने को मिली. इसके बाद पार्टी के तमाम कार्यक्रमों में वसुंधरा राजे गईं नहीं और दूरी बनाने लग गई, लेकिन जहां-जहां राजे गई, वहां मंच से राजे के बयानों में नाराजगी देखने को मिली.
वसुंधरा राजे की पार्टी से दूरी और नाराजगी की वजह राजस्थान में लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिली . राजे झालावाड़ सीट तक अपने बेटे दुष्यंत सिंह के चुनाव प्रचार तक सीमित रहीं और किसी भी दूसरी लोकसभा में प्रचार के लिए नहीं गई और राजस्थान में लोकसभा चुनाव परिणामों में भाजपा ने 25 में से 11 सीटें गंवा दीं.
वसुंधरा राजे के तीन बड़े अटैक..1. वसुंधरा राजे ने 3 अगस्त 2024 को भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष कार्यक्रम में कहा – “राजनीति का दूसरा नाम उतार-चढ़ाव है. हर इंसान को इस दौर से गुजरना पड़ता है. हर व्यक्ति को 3 चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है- पद, कद और मद. पद और मद स्थाई नहीं है, लेकिन कद स्थाई है जो आपके काम से बनता है और आपके काम से ही लोग आपको याद करते हैं. पद का मद हो जाता है तो कद अपने आप कम हो जाता है.
2. 16 अगस्त को राजे ने उदयपुर में जैन समाज के एक कार्यक्रम में कहा- किसी का दिल तोड़ना भी हिंसा है. अब जीओ और जीने दो के नारे की जगह, जीओ और जीने मत दो, जैसा बोओगे-वैसा ही काटोगे. पूर्व सीएम ने कहा कि जैन धर्म का सिद्धांत जीओ और जीने दो हैं,लेकिन कई लोगों ने इसे उलट दिया है. जीओ और जीने मत दो. यानी ख़ुद तो जीओ,लेकिन दूसरों को जीने मत दो. ऐसा करने वाले वाले भले ही थोड़े समय खुश हो जाये, पर वे हमेशा सुखी नहीं रह सकते, क्योंकि जैसा बोओगे-वैसा काटोगे.
3. तीन सितंबर 2024 को वसुंधरा राजे ने कहा- कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं. चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा ज़मीं पर रखो. राजे ने ये बात मंच की तरफ देखते हुए बोली और मंच पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी बैठे हुए थे.
अब सवाल ये है कि वसुंधरा राजे के लगातार आ रहे ये तमाम बयान आखिर किस तरफ इशारा कर रहे हैं. राजे की भाजपा आलाकमान से नाराजगी अब तक जारी है या फिर अब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ राजे का इशारा है.
बहरहाल, वसुंधरा राजे के समर्थक नेता प्रताप सिंह सिंघवी ने सफाई दिया कि ये नेताओं के बीच हंसी मजाक का हिस्सा था. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने राजस्थान की सरकार को साधते हुए कहा है कि वसुंधरा राजे ने अपना निशाना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पर साधा है, क्योंकि राजस्थान में जिस तरह सरकार काम कर रही है ये जगजाहिर है.
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FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 15:10 IST