You should also know the difference between male and female cricket bats. – News18 हिंदी

विशाल भटनागर/मेरठ: क्रिकेट के मैदान में महिलाएं लगातार तहलका मचा रही हैं. पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी कलाइयों का बेहतर उपयोग करते हुए चौके-छक्के कीबरसात करते हुए नजर आती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए तैयार होने वाले बैट में कारीगर को अधिक काम करना पड़ता है. दरअसल, मशीन के जरिए सभी प्रकार के बल्ले एक सामान बनते हैं. लेकिन उसके बाद स्पोर्ट्स कारीगर क्रिकेट नियम के अंतर्गत बैट को निखारने का काम करते हैं.
सुरजकुंड स्पोर्ट्स मार्केट के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंघल बताते हैं. मेरठ में जो भी स्पोर्ट्स सामग्री तैयार की जाती हैं. वह सभी बीसीसीआई और आईसीसीआई के नियमों के अंतर्गत ही तैयार होती है. ऐसे में महिलाओं के लिए तैयार होने वाले बल्ले की बात की जाए तो पुरुषों के मुकाबले इसका वजन कम होता है. पुरुष के लिए तैयार होने वाले बल्ले का वजन जहां 1 किलो 200 ग्राम रहता है. वहीं महिलाओं के लिए जो बल्ले तैयार किए जाते हैं. उनका वजन 1 किलो 100 ग्राम रहता है.
लंबाई भी कम
वहीं एक और स्पोर्ट्स व्यापारी शोभित त्यागी कहते हैं महिलाओं के लिए तैयार होने वाले बल्ले में वजन के साथ-साथ उसकी हाइट भी कम रहती है. उन्होंने बताया की इन बल्ले की बात की जाए तो यह 33 इंच लम्बाई वाला होता है. वहीं पुरुषों के बल्ले की लंबाई 38 इंच रहती है.
रेट में नहीं होता कोई अंतर
शोभित त्यागी कहते हैं भले ही पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए तैयार होने वाले बल्ले का वजन 100 ग्राम कम रहता हो. लेकिन इसके रेट में अंतर इसलिए नहीं होता. क्योंकि लकड़ी को पर्याप्त मात्रा में ही उपयोग किया जाता है. महिलाओं के लिए जो बल्ले तैयार किए जाते हैं. उसमें घिसाई सहित अन्य कार्य ज्यादा करने होते हैं. जिससे कि महिलाओं के अनुरूप बल्ले को तैयार किया जा सके.बताते चलें कि पहले की तुलना में अब स्पोर्ट्स बाजार में अभिभावक अपनी बेटियों के लिए बल्ले अधिक खरीदते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं विभिन्न एकेडमी में भी अब बेटियों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है. व्यापारी इसमें सबसे ज्यादा अहम योगदान वूमेन आईपीएल का मानते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 17, 2024, 10:54 IST