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जूतियों के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का यह गांव, अमेरिका से लेकर दुबई तक है मांग, पीढ़ियों से चली आ रही है परंपरा

Last Updated:October 14, 2025, 13:36 IST

अलवर के किशनगढ़ क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव में वर्षों से चमड़े की जूती बनाने की परंपरा है. यहां के पुरुष और महिलाएं पारंपरिक हुनर के साथ जूतियां बनाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं. इस्माइलपुर की लेदर जूतियां खास डिजाइन, टिकाऊपन और क्वालिटी के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है. अमेरिका और यूएई जैसे देशों में यहां की जूतियों की अच्छी मांग है. गांव के कारीगर तीन-चार पीढ़ियों से मारवाड़ी, पचेरी और फैंसी जूतियां करीब 50 तरह की डिज़ाइन में बनाते आ रहे हैं.

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अलवर. राजस्थान के अलवर जिला अंतर्गत किशनगढ़ इलाके के इस्माइलपुर गांव में वर्षों से चमड़े की जूती बनाने का कार्य किया जा रहा है. इस गांव की महिला और पुरुष जूती बनाकर अपने परिवार का पालना पोषण कर रहे हैं. इस्माइलपुर की लेदर से बनी जूतियां अपने खास डिजाइन और क्वालिटी को लेकर देश विदेश में फैमस है. यहां के हुनरमंद कारीगरों द्वारा बनाए गए अनोखे और टिकाऊ लेदर की जूतियां बनाते आ रहे हैं.

इस गांव की बनी जूतियां देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हो रही है और लगातार डिमांड भी बढ़ रही है. यहां की जूतियाें का दुबई और अमेरिका के बड़े बाजारों में खास मांग है. कारीगरों द्वारा हाथों से तैयार की जाने वाली लेदर जूतियों की खूबसूरती, गुणवत्ता और डिजाइन इतना खास है कि विदेशों में भी लोग पसंद कर रहे हैं.

तीन-चार पीढ़ियों से बनाते आ रहे हैं जूतियां

इस्माइलपुर गांव के कारीगर मुकेश कुमार ने बताया कि लगभग तीन-चार पीढ़ियों से वह जूती बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ग्राहकों की मांग पर भी स्पेशल जूतियां तैयार की जाती है. खास बात यह है कि इस्माइलपुर की जूतियों से पैर की एड़ियां सुरक्षित रहती है. उन्होंने बताया कि यहां मारवाड़ी और पचेरी जूती भी बनाते हैं. इन दाेनों जूतियों को लोग सबसे अधिक पसंद करते हैं. इसके अलावा महिला और पुरुषों के लिए फैंसी जूती बनाने का कार्य किया जा रहा है. साथ ही बॉम्बे मिलन के नाम से भी जूतियां बनाई जाती है.

50 तरह की डिजाइन में बनाते हैं जूतियां

मुकेश कुमार ने बताया कि अमेरिका में रहने वाले लोग कोरियर के माध्यम से अलवर के इस्माइलपुर की जूतियां लगातार मंगा रहे हैं. गांव में लोगों द्वारा बफेलो लेदर से 50 से अधिक तरह की जूतियों की डिजाइनर जूतियां बनाते हैं. यहां के कारीगरों के द्वारा तैयार की गई जूतियों को बड़े-बड़े शोरूम वाले लेकर जाते हैं. इसके अलावा दूर-दूर से लोग इस्माइलपुर की जूती खरीदने आते हैं. यहां थौक और खुदरा दोनों तरह का व्यापार चलता है और जूतियां 100 से शुरू होती है. यहां कीमती जूतियां भी तैयार की जाती है.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें

Location :

Alwar,Rajasthan

First Published :

October 14, 2025, 13:36 IST

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जूतियों के लिए फेमस है राजस्थान का यह गांव, अमेरिका से लेकर दुबई तक है मांग

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