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Dharohar : धौलपुर का रॉयल स्कूल… जहां चलती थी रियासत, बना प्रेम की निशानी ‘अधूरा ताजमहल’

Last Updated:November 08, 2025, 13:23 IST

Dharohar : राजस्थान के धौलपुर में स्थित महाराणा सीनियर सेकेंडरी विद्यालय कभी रियासतकालीन सचिवालय हुआ करता था, जहां से पूरे धौलपुर के फैसले लिए जाते थे. बाद में यही इमारत शिक्षा का गढ़ बनी. इतिहासकार बताते हैं कि इसी परिसर में महाराणा भगवंत सिंह ने अपनी प्रिय गजरा की याद में अधूरा ताजमहल भी बनवाया था.

सचिन शर्मा/धौलपुर : राजस्थान में कई ऐतिहासिक इमारत ऐसी हैं जो आज भी अपनी रियासतकालीन विरासत को खुद में समेट कर रखती है. ऐसी ही एक ऐतिहासिक इमारत है राजस्थान के धौलपुर जिले में जो रियासत काल के समय राजा महाराजाओं का सचिवालय हुआ करती थी या यूं कहें कि इस ऐतिहासिक इमारत से वह निर्णय लिए जाते थे जो धौलपुर रियासत के लिए निर्णायक साबित होते थे. धौलपुर जिले के लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह इमारत आज धौलपुर जिले के सबसे बड़े विद्यालय के रूप में विख्यात है. जहां से कई विद्यार्थी पढ़कर बड़े-बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक पदों पर पहुंचे और धौलपुर जिले का नाम रोशन किया.

इतिहासकार अरविंद कुमार शर्मा बताते हैं कि महाराणा सीनियर सेकंडरी विद्यालय एक समय नर्सिंग बाग महल हुआ करता था. महाराज भगवंत सिंह के समय यह नरसिंह बाग महल धौलपुर रियासत के सचिवालय के रूप में तब्दील हो गया और महाराजा भगवंत सिंह के समय से ही धौलपुर रियासत का हर एक निर्णय इसी रियासत कालीन सचिवालय से किया जाता था. कुछ समय बाद केसर बाग महल और रानी पैलेस के निर्माण होने के बाद धौलपुर रियासत के राजाओं का सचिवालय भी केसर बाग और रानी पैलेस स्थानांतरित हो गया और वहीं से धौलपुर के मुख्य निर्णय किए जाने लगे.

धौलपुर का गौरव: महाराणा विद्यालयइसके बाद नर्सिंग बाग महल में धौलपुर जिले का सबसे बड़ा विद्यालय महाराणा सीनियर सेकेंडरी विद्यालय स्थापित किया गया. इस विद्यालय से धौलपुर जिले के कई विद्यार्थी पढ़कर बड़े-बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक पदों पर पहुंचे और धौलपुर जिले का नाम भारतवर्ष में रोशन किया.

प्रेम की निशानी: अधूरा ताजमहलइतिहासकार अरविंद कुमार शर्मा कहते हैं की आज भी ये ऐतिहासिक ईमारत हमें धौलपुर के गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराती है और इसका अतीत और इतिहास आज भी इस विद्यालय के रूप में धौलपुर जिले की जनता के साथ जुड़ा हुआ है और इसी विद्यालय परिसर में महाराणा भगवन्त सिंह ने अपने प्रियशी गजरा की याद में अधूरे ताजमहल का निर्माण भी करवाया था जो इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर हो गया.

Rupesh Kumar Jaiswal

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें

Location :

Dhaulpur,Rajasthan

First Published :

November 08, 2025, 13:20 IST

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धौलपुर का रॉयल स्कूल.. जहां चलती थी रियासत, बना प्रेम की निशानी ‘अधूरा ताजमहल’

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