Rajasthan

Farsaram from Pali Rajasthan rescues over 50 injured animals

Last Updated:November 13, 2025, 13:59 IST

Pali News: पाली जिले के फरसाराम जन्म से मूक-बधिर हैं, लेकिन उन्होंने अब तक 50 से अधिक वन्यजीवों की जान बचाई है. वे अपने घर में रेस्क्यू सेंटर चलाते हैं और अपनी सिलाई से हुई कमाई का बड़ा हिस्सा घायल जानवरों के इलाज पर खर्च करते हैं.

पाली. कहते हैं, अगर दिल में इंसानियत हो तो भाषा और आवाज़ की ज़रूरत नहीं पड़ती. ऐसा ही कर दिखाया है राजस्थान के पाली जिले के बुधनगर गांव के रहने वाले फरसाराम (26) ने. फरसाराम जन्म से मूक-बधिर हैं, न सुन सकते हैं, न बोल सकते हैं, लेकिन मूक प्राणियों का दर्द बड़ी गहराई से महसूस कर लेते हैं. वे अब तक 50 से अधिक घायल या बीमार वन्यजीवों की जान बचा चुके हैं. उनकी यह निस्वार्थ सेवा उन्हें राजस्थान का वास्तविक हीरो बनाती है.

फरसाराम ने अपने घर पर एक छोटा सा अस्थायी रेस्क्यू सेंटर बनाया हुआ है. यहाँ वे घायल पक्षियों, खरगोशों और अन्य वन्यजीवों का इलाज और देखभाल करते हैं. जानवरों के पूरी तरह से ठीक हो जाने पर वे उन्हें वन विभाग को सौंप देते हैं ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास में वापस जा सकें. उनका कहना है कि यह काम सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि उनका जीवन मिशन है. वे इस काम को किसी धर्म से कम नहीं मानते.

जानवरों की मदद के लिए बनाया वॉट्सएप ग्रुपवन्यजीवों की जल्दी मदद सुनिश्चित करने के लिए फरसाराम ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया है. आस-पास के गाँवों और जंगलों से घायल या बीमार जानवरों की सूचना मिलते ही फरसाराम और उनकी टीम बाइक लेकर मौके पर पहुँच जाती है. उनकी टीम में विनोद, अनिल, मनीष विश्नोई, अजय विश्नोई और सुनील विश्नोई शामिल हैं. इनमें से विनोद भी फरसाराम की तरह मूक-बधिर हैं. यह टीम समय पर मदद पहुँचाकर कई जिंदगियाँ बचा चुकी है.

सिलाई से चलाते हैं गुज़ारा, पर बड़ा खर्च जानवरों परफरसाराम सिलाई का काम कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा दवाओं और इलाज पर खर्च होता है, क्योंकि वन्यजीवों के इलाज में काफी लागत आती है. उन्होंने बताया कि उन्होंने 7वीं तक पढ़ाई की थी, लेकिन आगे की पढ़ाई विशेष शिक्षक न मिलने के कारण नहीं कर पाए. अब उन्होंने वन्यजीवों की सेवा को ही अपना धर्म बना लिया है. उनकी यह त्याग भावना समाज के लिए एक बड़ी प्रेरणा है.

Location :

Pali,Pali,Rajasthan

First Published :

November 13, 2025, 13:59 IST

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जो खुद नहीं बोल सकता, पर जानवरों की आवाज़ बन गया, जानिए फरसाराम की कहानी

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