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Assam Polygamy Ban Law Passed, CM Himanta Promises UCC Next Time | असम में दूसरी शादी की तो होगी 10 साल की जेल, विधानसभा में पास हुआ ऐतिहासिक बिल, सीएम हिमंता ने दी बड़ी चेतावनी- अगली बार यूसीसी लाऊंगा

Last Updated:November 27, 2025, 21:58 IST

Assam Polygamy Ban: असम विधानसभा ने बहुविवाह पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला ऐतिहासिक बिल पास कर दिया है. अब राज्य में एक से ज्यादा शादी करने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है. सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ किया कि यह कानून सभी धर्मों पर लागू होगा, लेकिन आदिवासियों को इससे छूट दी गई है. दोषी पाए जाने पर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. सीएम ने यूसीसी और लव जिहाद पर भी जल्द कानून लाने का वादा किया है.शादी छिपा दूसरा ब्याह रचाया तो जेल, असम में बना कानून, सरकारी नौकरी भी जाएगीअसम के सीएम हिमंता बोले- सच्चा मुसलमान करेगा इस कानून का स्वागत. (File Photo : PTI)

गुवाहाटी: असम में बहुविवाह यानी एक से ज्यादा शादी करने पर अब कानूनी रोक लग गई है. विधानसभा ने ‘असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलीगैमी बिल 2025’ को पास कर दिया है. इसके तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है. सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ किया कि यह कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. यह हिंदुओं और मुसलमानों दोनों पर समान रूप से लागू होगा. हालांकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) और छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया है. सीएम ने विधानसभा में ऐलान किया कि अगर वे अगले साल फिर सत्ता में आए तो यूसीसी भी लागू करेंगे. यह बिल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. विपक्ष ने कुछ संशोधन मांगे थे लेकिन वे ध्वनि मत से खारिज हो गए. इस बिल में बहुविवाह को एक गंभीर अपराध माना गया है. अगर कोई व्यक्ति पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करता है तो उसे सजा मिलेगी.

बिल के मुताबिक बहुविवाह करने वाले को सात साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी भरना होगा. अगर कोई पहली शादी छिपाकर दूसरी शादी करता है तो सजा और कड़ी होगी. ऐसे मामलों में 10 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. अगर कोई व्यक्ति बार-बार यह अपराध करता है तो उसे हर बार दोगुनी सजा मिलेगी. कानून में तलाक के बिना दूसरी शादी को अवैध माना गया है.

यूसीसी और लव जिहाद पर हिमंता का बड़ा ऐलान

बिल पास होने के दौरान सीएम हिमंता ने यूसीसी पर बड़ी बात कही. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि वे यूसीसी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. असम में अगले साल मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं. सीएम ने कहा कि अगर उनकी सरकार लौटी तो पहले ही सत्र में यूसीसी बिल पेश किया जाएगा.
उन्होंने बहुविवाह पर रोक को यूसीसी की दिशा में एक कदम बताया. इसके अलावा उन्होंने ‘लव जिहाद’ पर भी कानून लाने की बात कही. उन्होंने कहा कि धोखे से शादी करने के खिलाफ एक बिल फरवरी के अंत तक लाया जाएगा.
सीएम ने विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह कानून इस्लाम के खिलाफ नहीं है जैसा कि कुछ लोग मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं में भी बहुविवाह की समस्या है और यह हमारी जिम्मेदारी है. यह बिल हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी समाजों पर लागू होगा.
एआईयूडीएफ और सीपीएम ने बिल में बदलाव की मांग की थी. सीपीएम विधायक मनोरंजन तालुकदार ने इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने इन मांगों को नहीं माना और बिल पास करा लिया.
इस कानून के दायरे में सिर्फ शादी करने वाले नहीं बल्कि कराने वाले भी आएंगे. अगर कोई काजी, गांव का मुखिया या माता-पिता इसमें शामिल होते हैं तो वे भी नपेंगे. तथ्यों को छिपाने या जानबूझकर बहुविवाह में शामिल होने पर दो साल की जेल हो सकती है.
साथ ही एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. अगर कोई जानबूझकर ऐसी शादी करवाता है जो कानून के खिलाफ है. तो उसे भी दो साल की कैद और डेढ़ लाख का जुर्माना भरना होगा.

आदिवासियों को मिली छूट लेकिन बाकी सब पर लागू होगा कानून, असम में बहुविवाह रोकने के लिए सरकार का कड़ा कदम.

दोषी सरकारी नौकरी और योजनाओं से हो जाएंगे बाहर

इस कानून का असर दोषी व्यक्ति के भविष्य पर भी पड़ेगा. अगर कोई व्यक्ति बहुविवाह का दोषी पाया जाता है तो उसे सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. वह राज्य सरकार द्वारा पोषित किसी भी सार्वजनिक नियुक्ति का हकदार नहीं होगा. इतना ही नहीं उसे सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा. ऐसे लोग पंचायत या शहरी स्थानीय निकायों का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. बिल में पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने की बात भी कही गई है. सरकार का मानना है कि बहुविवाह से महिलाओं को भारी कष्ट उठाना पड़ता है.

छूट किसे मिली है?

सरकार ने इस कानून से कुछ वर्गों को अलग रखा है. अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के लोगों पर यह कानून लागू नहीं होगा. इसके अलावा छठी अनुसूची के तहत आने वाले क्षेत्रों को भी इससे बाहर रखा गया है. यह फैसला आदिवासी परंपराओं और उनके विशेष अधिकारों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. बाकी सभी नागरिकों के लिए यह कानून तत्काल प्रभाव से मान्य होगा.

Deepak Verma

दीपक वर्मा न्यूज18 हिंदी (डिजिटल) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में काम कर रहे हैं. लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े दीपक की जर्नलिज्म जर्नी की शुरुआत प्रिंट मीडिया से हुई थी, लेकिन जल्द ही उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म…और पढ़ें

दीपक वर्मा न्यूज18 हिंदी (डिजिटल) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में काम कर रहे हैं. लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े दीपक की जर्नलिज्म जर्नी की शुरुआत प्रिंट मीडिया से हुई थी, लेकिन जल्द ही उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म… और पढ़ें

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Guwahati,Kamrup Metropolitan,Assam

First Published :

November 27, 2025, 20:01 IST

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शादी छिपा दूसरा ब्याह रचाया तो जेल, असम में बना कानून, सरकारी नौकरी भी जाएगी

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