विवाह आमंत्रण के नाम पर साइबर ठगी! ‘Amantran.apk’ से हो सकता है मोबाइल हैक, ठग भेज रहे फर्जी लिंक

Last Updated:November 05, 2025, 13:10 IST
Cyber Fraud : शादी-विवाह के सीजन में साइबर ठगों ने लोगों को लूटने का नया जाल बिछा दिया है. सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे नकली ई-इनविटेशन और गिफ्ट लिंक के जरिए मोबाइल फोन हैक कर ठग बैंक खातों तक पहुंच बना रहे हैं. साइबर क्राइम शाखा ने लोगों को सतर्क रहने और फर्जी लिंक से बचने की चेतावनी दी है.
सीकर : शादी-विवाह के इस सीजन में साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है. डीआईजी (साइबर क्राइम) विकास शर्मा ने बताया कि अब अपराधी सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए ई-निमंत्रण (इनविटेशन) और गिफ्ट लिंक भेज रहे हैं. लोग जब इन्हें शादी का आमंत्रण या लोकेशन लिंक समझकर खोलते हैं, तो उनका मोबाइल हैक हो जाता है. इस फर्जी एप्लिकेशन का नाम आमतौर पर आमंत्रण.apk रखा जाता है, जो देखने में सामान्य लगता है लेकिन वास्तव में यह एक खतरनाक मैलवेयर है.

यह फेक एप्लिकेशन इंस्टॉल होते ही मोबाइल फोन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेता है. यह सामान्य ऐप नहीं बल्कि एक बैकडोर मैलवेयर होता है, जो फोन की सिस्टम फाइल्स और यूजर डेटा तक पहुंच बना लेता है. यह चुपके से मोबाइल के एसएमएस, कैमरा, फाइल्स और कांटेक्ट नंबर की जानकारी एक्सेस कर लेता है. इस तरह, बिना किसी जानकारी के यूजर की निजी डेटा हैकरों के सर्वर तक पहुंच जाता है.

एक बार मैलवेयर के सक्रिय होते ही यह बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड, ओटीपी और व्यक्तिगत जानकारी चोरी करना शुरू कर देता है. साइबर अपराधी इस चोरी किए गए डेटा का उपयोग ऑनलाइन फ्रॉड, बैंक खातों से पैसे निकालने और अन्य वित्तीय अपराधों में करते हैं. कई मामलों में देखा गया है कि इस तरह के लिंक पर क्लिक करते ही यूजर की सारी प्राइवेट जानकारी कुछ ही मिनटों में लीक हो जाती है, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई खतरे में पड़ जाती है.

राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने इस गंभीर साइबर खतरे को देखते हुए आमजन को सचेत किया है. पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देशानुसार यह जागरूकता अभियान शुरू किया गया है ताकि लोग इन फर्जी ई-इनविटेशन लिंक से बच सकें. विभाग ने बताया कि साइबर ठग इन दिनों शादी के बहाने लोगों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए किसी भी अनजान लिंक या फाइल पर क्लिक न करें.

डीआईजी विकास शर्मा ने कहा कि इन अपराधों का उद्देश्य सिर्फ लोगों का डेटा चुराना नहीं बल्कि वित्तीय ठगी करना है. एक बार मोबाइल में यह फर्जी एप इंस्टॉल हो जाने के बाद उपयोगकर्ता की हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है. हैकर्स यूजर के मोबाइल में आने वाले बैंकिंग ओटीपी, पासवर्ड और लॉगिन विवरण को ट्रैक कर लेते हैं और फिर इसका दुरुपयोग करके बड़े स्तर पर फ्रॉड को अंजाम देते हैं.

साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को इस स्कैम से बचने के लिए पांच सुरक्षा सलाह दी हैं. साइबर एक्सपर्ट के अनुसार किसी भी ई-निमंत्रण या गिफ्ट लिंक पर क्लिक करने से पहले भेजने वाले की पहचान की पुष्टि करें. मोबाइल सेटिंग्स में Install from unknown sources विकल्प को Disabled रखें और केवल अधिकृत प्लेटफॉर्म जैसे Google Play Store या Apple App Store से ही एप डाउनलोड करें. साथ ही, अपने मोबाइल में भरोसेमंद एंटीवायरस या सिक्योरिटी ऐप का उपयोग करें.

यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की साइबर ठगी का शिकार होता है तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें. इसके लिए राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं. राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने भी दो हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 और 9257510100 जारी किए हैं. पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि सतर्क रहें, किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें.
First Published :
November 05, 2025, 13:10 IST
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सावधान…! विवाह आमंत्रण के नाम पर साइबर ठगी, ‘Amantran.apk’ से मोबाइल हैका!



