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कमाल की औषधि है शालपर्णी! बुखार से लेकर दमा तक हर परेशानी में फायदेमंद, जानें उपयोग का तरीका – Rajasthan News

Last Updated:November 18, 2025, 13:16 IST

Shalparni Health Benefits: शालपर्णी एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे दशमूल समूह में प्रमुख स्थान प्राप्त है. झाड़ीदार दिखने वाले इस पौधे की जड़, पत्ती और तना औषधीय गुणों से भरपूर है. आयुर्वेद के अनुसार यह वात, पित्त, कफ को संतुलित कर शरीर को मजबूत बनाती है. बुखार, वायरल संक्रमण, सांस संबंधी समस्याओं, शरीर दर्द, गैस और पाचन संबंधी रोगों में इसका काढ़ा अत्यंत प्रभावी है. ग्रामीण क्षेत्रों में इसे घरेलू नुस्खों के रूप में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.हेल्थ टिप्स

प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है शालपर्णी, यह आयुर्वेद में दशमूल समूह की प्रमुख औषधि मानी जाती है. यह एक सामान्य सा दिखने वाला झाड़ीदार होता है, जिसके पत्ते शाल वृक्ष की पत्तियों जैसे दिखाई देते हैं, इसलिए इसे शालपर्णी कहा जाता है. इसकी जड़, पत्ती और तना औषधीय गुणों से भरपूर हैं. आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे वात, पित्त और कफ संतुलन हेतु बहुत उपयोगी बताया गया है.

हेल्थ टिप्स

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि शालपर्णी औषधि बुखार, कमजोरी, सांस की परेशानी, शरीर में दर्द और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में विशेष रूप से उपयोगी मानी जाती है. शालपर्णी की जड़ें रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है और शारीरिक थकान घटाती है. लंबे समय तक चलने वाले बुखार, वायरल संक्रमण और श्वसन रोगों में इसका काढ़ा बहुत फायदेमंद औषधि है. शालपर्णी पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाती है.

हेल्थ टिप्स

उन्होंने बताया कि शालपर्णी औषधि अपच, पेट फूलना, गैस की समस्या और भूख न लगने जैसी स्थितियों में इसके चूर्ण या काढ़े का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. इसके अलावा यह आंतों की सूजन कम करने में मदद करती है और लिवर को भी स्वस्थ रखने में सहायक होती है. इसके नियमित उपयोग से पाचन क्रिया संतुलित रहती है. इसके अलावा वातजन्य रोग जैसे जोड़ों का दर्द, नसों की कमजोरी, लकवा के बाद की कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द में शालपर्णी बहुत उपयोगी मानी जाती है.

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हेल्थ टिप्स

इसकी जड़ का रस या काढ़ा शरीर को गर्माहट देकर वात को शांत करता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार, यह श्वसन तंत्र के रोगों में भी किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. खांसी, दमा, एलर्जी, सांस फूलना और फेफड़ों की कमजोरी में शालपर्णी का काढ़ा या चूर्ण फायदेमंद है. यह बलगम को पतला कर बाहर निकालने में मदद करता है और फेफड़ों की सूजन को कम करता है, इसलिए इसे दमा रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है.

हेल्थ टिप्स

ग्रामीण क्षेत्रों में किसान शालपर्णी का उपयोग घरेलू नुस्खों में भी करते आए हैं. बुखार में इसकी जड़ का काढ़ा दिया जाता है, वहीं खांसी में पत्ते का रस शहद के साथ मिलाकर पिलाया जाता है. चोट या सूजन पर इसके पत्तों को गर्म कर सेक लगाने से आराम मिलता है. कई जगह इसे पशुओं की बीमारियों में भी पारंपरिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है.

हेल्थ टिप्स

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि शालपर्णी एक बहुगुणी औषधि है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, वात-पित्त-कफ संतुलित करने और पुरानी कमजोरी दूर करने में बेहद प्रभावी है. यह घरेलू उपचारों से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं तक में प्रमुख रूप से काम में की जाती है. इसके सही और नियमित उपयोग से कई तरह की बीमारियों से राहत मिल सकती है. मुख्य रूप से आयुर्वेदिक में इसका उपयोग अब बढ़ता जा रहा है.

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November 18, 2025, 13:16 IST

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कमाल की औषधि है शालपर्णी! शरीर को देती है नई ऊर्जा, जानें सेवन विधि

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