bird tower in Ghantiyala village a wonderful home for 4000 birds

जोधपुर:- जोधपुर जिले के केरू क्षेत्र के घंटियाला गांव में राजपुरोहित समाज के युवाओं ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठा प्रयास है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देने वाला है. गांव में 75 फीट ऊंचा, सात मंजिला पक्षी टावर बनाया गया है, जिसमें करीब 700 फ्लैट्स बनाए गए हैं. यह टावर करीब 4000 पक्षियों का आशियाना बनने जा रहा है.
गुजरात की तर्ज पर किया डिज़ाइनइस अनोखे टावर का निर्माण गुजरात की तर्ज पर किया गया है. पक्षियों के लिए खास डिज़ाइन किए गए इस टावर में उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा गया है. गर्मी हो या सर्दी या फिर बरसात, हर मौसम में यह टावर पक्षियों के लिए सुरक्षित और अनुकूल रहेगा.
करीब दो महीने की कड़ी मेहनत और 20 कुशल कारीगरों की टीम ने इस बर्ड टावर का निर्माण पूरा किया है. जालौर और गुजरात से मंगवाई गई खास तरह की मिट्टी और निर्माण सामग्री का उपयोग कर इसे तैयार किया गया है. निर्माण कार्य में भूकंप रोधी तकनीक अपनाई गई है, जिससे यह टावर प्राकृतिक आपदाओं से भी सुरक्षित रहेगा.
टावर के निचले हिस्से में कुंड का निर्माणपक्षियों के पानी पीने की व्यवस्था भी बखूबी की गई है. टावर के निचले हिस्से में एक विशेष कुंड का निर्माण किया गया है, जिसमें पीने का पानी उपलब्ध रहेगा. इसके अलावा हर फ्लैट में खाने और बैठने के लिए उपयुक्त स्थान बनाए गए हैं. इस तरह से यह टावर न केवल परिंदों के लिए एक सुरक्षित आवास है, बल्कि उनके संपूर्ण जीवन चक्र को सहज बनाने वाला प्रयास भी है.
लाखों रुपए से बना है पक्षी टावरइस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लाखों रुपये है, जिसे गांव के युवाओं और समाज ने मिलकर जुटाया. उनका उद्देश्य सिर्फ एक सुंदर टावर बनाना नहीं था, बल्कि पक्षियों के लिए एक स्थायी, सुरक्षित और प्राकृतिक निवास स्थान तैयार करना था. गांव के लोग इस अनूठे पक्षी टावर को देखने दूर-दूर से आ रहे हैं. स्थानीय निवासी गर्व से बताते हैं कि गुजरात में ऐसे टावर आम हैं, लेकिन अब उनका गांव भी इस कड़ी में शामिल हो गया है.
युवाओं का मानना है कि इस पहल से न केवल पक्षियों का संरक्षण होगा, बल्कि गांव में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी. पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय समाजसेवी इस पहल की जमकर सराहना कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह बर्ड टावर भविष्य की पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर कैसे एक बेहतर जीवन जिया जा सकता है.
आसपास के गांवों में भी हुई पहलराजपुरोहित समाज घंटियाला बालाजी ग्रुप के सदस्यों की गांव में ही नहीं, पूरे राजपुरोहित समाज के साथ-साथ आसपास ग्रामीणों क्षेत्रों में भी जमकर तारीफ हो रही है. हर कोई सराहना कर रहा है. व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुई यह मुहिम आज आसपास के गांवों के युवा भी इस मुहिम से प्रेरणा ले रहे हैं. आसपास के गांवों में भी पक्षी घर बनाने की मुहिम जोरों पर है.
घंटियाला गांव की यह पहल अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुकी है. यह साबित करता है कि अगर मन में सेवा और संरक्षण की भावना हो, तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता. फिर चाहे वो बेजुबान परिंदों के लिए एक सात मंजिला आशियाना ही क्यों न हो.