नागौर में मेड़ता मंडी में सुवा व ग्वार मे तेजी तारामीरा व रायड़ा मंदा, नागौर मंडी में रबी की फसलों के भाव में भी हुए बदलाव

Last Updated:October 15, 2025, 21:33 IST
राजस्थान के नागौर जिले में कृषि उत्पादन अहम भूमिका निभाता है। जिले में नागौर और मेड़ता नामक दो प्रमुख कृषि उपज मंडियां हैं. किसानों की सुविधा के लिए बनी इन मंडियों में फसलों के भावों में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. नागौर मंडी में मूंग, सौंफ और असालिया के भाव मजबूत रहे, जबकि ज्वार और जीरे में गिरावट आई. वहीं, मेड़ता मंडी में सुवा, जीरा और तारामीरा के भाव बेहतर रहे, लेकिन ग्वार और असालिया में गिरावट देखी गई.
ख़बरें फटाफट
कृषि मंडी में रखी फसलें
नागौर. नागौर जिला प्रदेश में कृषि उत्पादन के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है. यहां किसानों की सुविधा के लिए दो प्रमुख कृषि उपज मंडियां स्थापित की गई हैं. इनमें एक मंडी जिले के मुख्यालय नागौर में है, जबकि दूसरी बड़ी मंडी मेड़ता तहसील में संचालित होती है. खास बात यह है कि एक ही जिले में होने के बावजूद इन दोनों मंडियों में फसलों के दामों में बड़ा अंतर देखने को मिलता है. कहीं दाम बढ़े हुए हैं तो कहीं फसलें अपेक्षाकृत कम भाव पर बिक रही हैं. यही कारण है कि किसानों के सामने यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर अपनी उपज किस मंडी में बेचना उनके लिए लाभकारी साबित होगा.
किसानों की मांग
किसानों का कहना है कि जब दोनों मंडियों में फसलों के दाम अलग-अलग होते हैं तो भ्रम की स्थिति बन जाती है. यदि कोई मंडी पास होती है तो वहां भाव कम मिलते हैं और यदि दूर की मंडी में भाव अच्छे होते हैं तो वहां तक फसल ले जाने में अतिरिक्त किराया लग जाता है. ऐसे में अक्सर किसान का असली फायदा घटकर लगभग बराबरी पर आ जाता है. किसानों की मांग है कि जिला स्तर पर मंडियों के भावों में संतुलन लाने की व्यवस्था हो, ताकि उन्हें स्पष्ट लाभ मिल सके और उन्हें रोजाना दामों के उतार-चढ़ाव को लेकर असमंजस की स्थिति का सामना न करना पड़े. विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों मंडियों में अलग-अलग दाम बाजार की मांग, आपूर्ति और खरीदारों की संख्या पर निर्भर करते हैं. हालांकि, यदि किसी प्रकार से मंडियों में दरों का अंतर कम हो जाए तो किसानों को फसलों की बिक्री के समय अधिक सुविधा और स्थिर लाभ मिल सकेगा.
नागौर मंडी के हालमंडी व्यापारी लाल सिंह चौधरी ने बताया कि नागौर मंडी में इस सीजन मूंग, सौंफ और असालिया के भावों में मजबूती देखने को मिली, जबकि ज्वार और जीरे में मंदा रहा. मंडी में मूंग 4000 से 8200 रुपए प्रति क्विंटल, सौंफ 5000 से 8500 रुपए, इसबगोल 9000 से 11700 रुपए और असालिया 5500 से 5850 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है. वहीं, ग्वार 4400 से 4750 रुपए, दाना मैथी 4000 से 4800 रुपए, सिंधी सुवा 5000 से 6000 रुपए और तारामीरा 5500 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. वहीं, दूसरी ओर ज्वार की कीमतें 2500 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक ही सिमट गईं है. चना 5000 से 5600 रुपए, जबकि सरसों (40 प्रतिशत फेट) 6225 रुपए प्रति क्विंटल रही.
मेड़ता मंडी के ताजा भावमेड़ता मंडी में स्थिति कुछ अलग है. यहां सुवा, जीरा और तारामीरा में मजबूती है, जबकि पिछले दिनों ग्वार और असालिया में गिरावट आई थी. इसके बाद इसके भाव स्थिर है. मेड़ता में मूंग 5000 से 7550 रुपए, चना 5000 से 5750 रुपए, सुवा 6000 से 6600 रुपए, सौंफ 5000 से 7000 रुपए और जीरा 17000 से 19000 रुपए प्रति क्विंटल है. वहीं ग्वार 4200 से 4663 रुपए, असालिया 5800 से 615000 रुपए और तारामीरा 5000 से 5300 रुपए में बिका. रायड़ा (40 प्रतिशत फेट) 6250 रुपए प्रति क्विंटल रहा. इसके अलावा इसबगोल यहां 8600 से 11000 रुपए प्रति क्विंटल, रायड़ा 40 प्रतिशत फेट से 6250 रुपए प्रति क्विंटल के बीच कारोबार करता दिखा.
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
October 15, 2025, 21:33 IST
homerajasthan
नागौर-मेड़ता मंडी में फसल भाव में अंतर, किसानों ने संतुलन मांगा