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Rajasthan Police Crime News – राजस्थान में राजनीति V/S पुलिस… किसके साथ हैं आप….। कमेंट करें….

लेकिन बड़ी बात ये है कि अब जनता एसपी के साथ है। दोनो मामलों मं चल रही राजनीति के बाद अब पुलिस का मनोबल टूटता दिख रहा है।

जयपुर
हे राजनीति मैने तेरा ये रूप तो नहीं पढ़ा था… चंद शब्दों का यह मैसेज सोशल मीडिया पर वायलर हो रहा है। यह मैसेज लवली का एनकाउंटर करने वाले इंस्पेक्टर लीलाराम का है…। एनकाउंटर करने पर तीन दिन से लीलाराम की पीठ ठोकी जा रही थी लेकिन अब राजनीतिक दबाव के आगे लीलाराम समेत कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। ये हालात जोधपुर के हैं और इसी तरह के कुछ हालात करौली के हैं जहां पर एसपी के खिलाफ एक एमएल ने मोर्चा खोला है। लेकिन बड़ी बात ये है कि अब जनता एसपी के साथ है। दोनो मामलों मं चल रही राजनीति के बाद अब पुलिस का मनोबल टूटता दिख रहा है।

बच्चों को अपराधी बनाओ, गोली खाओ और पच्चीस लााख के साथ के नौकरी पाओ
दरअसल जोधपुर में पिछले सप्ताह हुए लवली कंडारा एनकाउंटर केस में अब पुलिस को ही सीधे तौर पर इसका दोषी माना जा रहा है। पुलिस पर ही हत्या समेत अन्य धाराओं पर केस दर्ज किया जा रहा है। इसी मामले को लेकर सोशल मीडिया गर्म है। समाज और पुलिस से जुड़े लोग इंस्पेक्टर लीलाराम बामनिया के पक्ष में और राजनीति एवं अपराध के खिलाफ लगातार मैसेज कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेजों में एक पुलिसकर्मी ने मैसेज किया है कि … अब कोई भी अपने बच्चों को नहीं पढ़ाएगा। सीधा अपराधी बनाओ, गोली खाओ, पच्चीस लाख और नौकरी पाओ…। मै भी लीलाराम बामनिया हैश टैग के साथ भी कई मैसेज तेजी से वायरल हो रहे हैं। इंस्पेक्टर लीलाराम को बहाल करो, सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं…। इस तरह के मैसेज भी तेजी से वायरल हो रहे हैं ।

कोई नाराज है तो रहने दो, पैरों में गिरकर जीना पुलिसवालों को नहीं आता
उधर करौली में एसपी करौली मृदुल कच्छावा के खिलाफ एक एमएलए ने मोर्चा खोला है। सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें एमएलए ने एसपी को मिलीभगत करने वाला बताया है। इस मैसेज के बाद तो एसपी की फोटोज के साथ अब बहुत से मैसेज वायरल हो रहे हैं। पुलिसकर्मी और अन्य लोगों की ओर से किए गए इन मैसेज में लिखा गया है कि कोई नाराज है तो रहने वाले, पैरों में गिरकर जीना पुलिस को नहीं आता…। पुलिस वाला हूं मुश्किल वक्त में मैं ही काम आउंगा…।

दोनो घटनाक्रम पर सरकार की नजर
उधर करौली और जोधपुर में हुए दोनो मामलों पर सरकार की नजर है। बताया जा रहा है कि दोनो रेंज आईजी के जरिए पुलिस मुख्यालय के हाथ सरकार रिपोर्ट तैयार करा सकती है। पुलिस मुख्यालय के अफसर भी अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार राजनीतिक दखल और पुलिस की बेबसी के मामले राजस्थान में सामने आए हैं।

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