Rajasthan

Pahalgam Attack : आतंकियों ने आयुषी की मुस्‍कान क्‍या जिंदगी ही छीन ली, चेहरा पड़ गया सफेद…मुंह से नहीं निकल रहा एक शब्‍द

Last Updated:April 24, 2025, 16:48 IST

Pahalgam Attack : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने आयुषी और नीरज की नई नवेली जोड़ी को तोड़ दिया. यह जोड़ी अपने सपनों को पंख लगाती उससे पहले ही दरिंदों ने उसके पंख काट दिए. पीछे रह गई केवल यादें और …और पढ़ेंआतंकियों ने आयुषी की मुस्‍कान क्‍या जिंदगी ही छीन ली, चेहरा पड़ गया सफेद...

आतंकियों ने आयुषी की जिंदगी को बेरंग कर दिया.

हाइलाइट्स

आतंकी हमले में नीरज की मौत से आयुषी सदमे में.आतंकियों ने पहलगाम में आयुषी-नीरज की खुशियां छीन लीं.आयुषी की जिंदगी में अब केवल यादें और सिसकियां बचीं.

जयपुर. शादी के दो साल के सफर के बाद जयपुर के आयुषी और नीरज की जिंदगी में 22 अप्रैल, 2025 तारीख ने ऐसी लकीर खींच दी कि उसे मिटा पाना नामुमकिन है. जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैसरन की घाटियों में इंसानियत के दुश्मनों ने जो कोहराम मचाया उसने इस प्यारी सी जोड़ी को तोड़ डाला. आयुषी की सामने ही धर्म नाम पता पूछकर नीरज को मार डाला. आंतकियों ने आयुषी की मुस्कान को छीन लिया. आंखों का चुलबुलापन मिटा डाला. वह ना हंस पा रही है ना ही रो पा रही है. ना ही कुछ बोल पा रही है. बस शून्य को ताक रही है.

पति की पार्थिव देह को देखकर मानों वह कह रही हो कि सुनो… तुम तो हमेशा मेरी बात मानते थे. मेरा कहा कभी टालते नहीं थे. फिर आज ऐसा क्या हो गया कि तुमने चुप्पी साध ली. तुम ना मेरी बात सुन रहे हो. ना बोल रहे और ना ही मेरी तरफ देख रहे. अगर तुम यूं रूठोगे तो मैं रो दूंगी. मैं भी तुम्हारी बात को कभी नहीं टालती हूं. फिर तुम क्यो यूं रूठ गए. तुम्हारा यूं रूठ जाना मुझे अच्छा नहीं लगता. अभी तो जीवन के सफर की शुरुआत हुई है. तुम बोलते हुए और हंसते हुए अच्छे लगते हो. प्लीज एक बार मेरी तरफ देखो ना. अभी तो हमें बहुत साथ चलना है. बहुत कुछ करना है. अपने सपनों को पंख लगाने हैं.

आतंक के नापाक हाथों ने छीन ली खुशियांदुबई की भागदौड़ की जिंदगी से कुछ समय निकालकर यह प्यारी सी जोड़ी पहाड़ियों में उन्मुक्त उड़ान भरने के लिए कश्मीर की वादियों में पहुंची थी. आयुषी बेहद खुश थी. लेकिन बीच राह में ही साथी का यूं साथ छूट जाएगा इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी. इस जोड़े ने शादी के बाद अपने सपनों की उड़ान भरने की शुरुआत ही की थी कि आतंक के नापाक हाथों ने सात जन्म तक साथ निभाने वाली कसम की डोर को गोलियों तोड़ डाला. जिंदगीभर साथ निभाने का वादा करने वाला सबसे प्यारा साथी यूं दो साल बाद ही बिछुड़ जाएगा? कभी सपने में भी नहीं सोचा था.

क्या मेरे नसीब में इतनी ही खुशियां लिखी थी?गुरुवार को नीरज के दाह संस्कार से पहले परिजनों की चित्कारों के बीच आयुषी गुमशुम सी खड़ी थी. मानों कह रही हो घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार सब है लेकिन तुम्हारी कमी कोई पूरी सकता. तुम मेरा गुमान थे. तुम मेरा गुरुर थे. तुम मेरी जिंदगी थे. तुम्हीं से मेरा सारा जहां था. तुम ही मेरी आरजू थे और तुम्हीं मेरी जिंदगी. लेकिन अब केवल खालीपन है. शून्य को ताकती आयुषी के ईश्वर से शायद यही पूछ थी क्या मेरे नसीब में इतनी ही खुशियां लिखी थी?

Location :

Jaipur,Jaipur,Rajasthan

First Published :

April 24, 2025, 16:48 IST

homerajasthan

आतंकियों ने आयुषी की मुस्‍कान क्‍या जिंदगी ही छीन ली, चेहरा पड़ गया सफेद…

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj