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क्या पता कल सिंध भारत में फिर वापस आ जाए, पाकिस्तान को राजनाथ सिंह का सख्त संदेश, बॉर्डर कभी भी बदल सकता है

Last Updated:November 23, 2025, 17:56 IST

Rajnath Singh News: राजनाथ सिंह ने सिंधी समाज को भारत की सांस्कृतिक पहचान बताया. उन्होंने सिंध शब्द राष्ट्रगान में बनाए रखने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी याद दिलाया और पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया कि मुमकिन है कि सिंध फिर भारत का हिस्सा बन जाए. क्या पता कल सिंध भारत में फिर वापस आ जाए, PAK को राजनाथ सिंह का सख्त संदेशराजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. रक्षा मंत्र राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा कि बॉर्डर कभी भी बदल सकता है और संभव है कि सिंध भारत में फिर वापस आ जाए. वह रविवार को सिंधी समुदाय के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, “भारत के विभाजन के कारण सिंधु नदी का एक बड़ा हिस्सा आज पाकिस्तान में चला गया है. पूरा सिंध प्रांत ही आज पाकिस्तान में है. मगर इसका अर्थ यह नहीं है कि सिंधु, सिंध और सिंधी समाज का महत्व हमारे लिए आज कम हो गया है. हमारे लिए उनका महत्व आज भी उतना है जितना हज़ारों साल से रहा है.”

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “यही कारण है कि साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने हमारे राष्ट्रगान से सिंध शब्द निकालने की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था कि सिंध शब्द केवल एक भौगोलिक स्थान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिये क्योंकि यह शब्द भारत और सिंधी समाज की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है.”

रक्षा मंत्री ने सिंधी समाज को भारत की सांस्कृतिक पहचान और अस्मिता का प्रतीक बताया और कहा, “आज हम जब सिंधी समाज की बात करते हैं, तो हम केवल एक समुदाय की बात नहीं करते, बल्कि एक ऐसी विरासत की बात करते हैं, जो सनातन का अटूट हिस्सा है. जिसकी जड़ें भगवान राम से जुड़ी हुई हैं. जिसने हमारी संस्कृति और सभ्यता को समृद्धध करने में बहुमूल्य योगदान दिया है.”

उन्होंने कहा, “आज सिंधी समाज भारत और विश्व भर में अपनी मेहनत और प्रतिभा के लिए जाना जाता है. सिंधी समाज ने अपनी अनूठी पहचान को भी बनाए रखा है. चाहे वह सिंधी भाषा की मिठास हो या संत काव्य या फिर सिंधी कला की जीवंतता. ये हमारी साझा परंपराओं को दर्शाते हैं.” राजनाथ सिंह ने देश के बंटवारे के समय सिंधियों के हिम्मत की तारीफ. उन्होंने कहा, “विभाजन के कठिन दौर में, जब सिंधी समाज को अपनी जन्मभूमि छोड़नी पड़ी, पलायन करना पड़ा, तब भी आपने हिम्मत नहीं हारी. आपने न केवल अपने लिए एक नई शुरुआत की, बल्कि व्यापार, शिक्षा, कला और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

November 23, 2025, 17:28 IST

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