Holi Special: गुलाल कुंड की होली है बहुत स्पेशल, भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी का है अद्भुत संगम, होता है ये खास आयोजन

Last Updated:March 13, 2025, 23:33 IST
Holi Special: भरतपुर के गुलाल कुंड में 365 दिन होली खेली जाती है. श्रीकृष्ण और राधा की होली लीला से जुड़ा यह स्थान भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र है. यहां प्रेम और भक्ति का संगम होता है.X
गुलाल कुंड
हाइलाइट्स
भरतपुर के गुलाल कुंड में 365 दिन होली खेली जाती है.गुलाल कुंड श्रीकृष्ण और राधा की होली लीला से जुड़ा है.गुलाल कुंड भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र है.
भरतपुर. भारत में होली को रंगों और उमंग का पर्व माना जाता है. लेकिन जब बात बृज की होली की आती है.तो इसका स्वरूप भक्तिमय हो जाता है. बृज की होली केवल एक दिन या एक सप्ताह का उत्सव नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है. जहां प्रेम श्रद्धा और भक्ति का संगम होता है.इस पावन क्षेत्र में भरतपुर और डीग बॉर्डर से सटे गांव गांठौली का गुलाल कुंड एक ऐसा स्थान है. जहां पूरे 365 दिन होली खेली जाती है.
श्रीकृष्ण और राधा की होली लीला से गुलाल कुंड का इतिहासस्थानीय निवासी बताते हैं कि गुलाल कुंड का इतिहास श्रीकृष्ण और राधा की होली लीला से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि जब श्रीकृष्ण अपनी सखाओं और सखियों के साथ होली खेलने आए तब उन्होंने राधा रानी के साथ प्रेमपूर्वक रंग खेला कथा के अनुसार राधा-कृष्ण की चूनर में सखाओं ने एक प्रेम की गांठ बांध दी. जिससे यह स्थान गांठौली कहलाने लगा जब दोनों पर गुलाल उड़ाया गया तो वे भागने लगे लेकिन बंधी हुई गांठ के कारण उनके गाल आपस में टकरा गए जिससे यह प्रेमलीला और भी रोचक बन गई.
राधा रानी ने कृष्ण से कहा गुलाल कुंड के समीप दो वृक्ष श्याम तमाल और कदम आपस में जुड़े हुए दिखाई देते हैं. भक्त मानते हैं कि ये वृक्ष श्रीकृष्ण और राधा के मिलन के सजीव प्रतीक हैं. इन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है. मानो प्रकृति भी राधा-कृष्ण के प्रेम में सराबोर हो गई हो बरसाने में जहां लट्ठमार होली प्रसिद्ध है. वहीं गुलाल कुंड की होली प्रेम और भक्ति से भरी होती है. कहा जाता है कि राधा रानी ने कृष्ण से कहा कि वे बरसाने में अपने परिवार के कारण खुलकर होली नहीं खेल सकतीं.
भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र इस पर श्रीकृष्ण ने उनके लिए गुलाल कुंड को एक विशेष स्थान बना दिया जहां वे वर्षभर होली का आनंद ले सकें. इसी कारण यह कुंड आज भी हर दिन गुलाल से सराबोर रहता है हर वर्ष हजारों श्रद्धालु गुलाल कुंड में आते है. इस अद्भुत परंपरा का हिस्सा बनते हैं. गुलाल कुंड केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र भी है. यहां आकर कोई भी कृष्ण प्रेम में डूब जाता है और दुनिया की चिंताओं को भूल जाता है. यही कारण है कि यह स्थान पूरे वर्ष गुलाल और भक्ति के रंग में सराबोर रहता है.
Location :
Bharatpur,Bharatpur,Rajasthan
First Published :
March 13, 2025, 23:33 IST
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बृज की अनूठी होली, गुलाल कुंड पर साल के 365 दिन गूंजती है राधा-कृष्ण की होली