राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके अधिवक्ता ही कर सकेंगे अदालतों में पैरवी

हाईकोर्ट बार ने किया फैसले का विरोध
हाईकोर्ट प्रशासन के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. हाईकोर्ट बार के अध्य्क्ष भुवनेश शर्मा ने इस फैसले को पूरी तरह से गलत बताया है. उन्होंने कहा कि हमने मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहन्ती के साथ हुई बैठक में ही कह दिया था कि केवल दो डोज लगवाने वाले को अनुमति देना व्यवहारिक नहीं है. हमने फ़िजिकल पैरवी के लिए एक डोज़ की अनिवार्यता की बात कही थी. हम इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाएंगे.
एसीजेएम स्तर के जज और कोर्ट स्टॉफ 45 साल से कम
देश की सबसे बड़ी बार दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्य्क्ष अनिल चौधरी ने भी फैसले को व्यवहारिक नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हाईकोर्ट प्रशासन केवल उन्हीं अधिवक्ताओं को कोर्ट परिसर में एंट्री देने की बात कह रहा है, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज़ ली है. वहीं, दूसरी ओर 45 साल से कम उम्र के मजिस्ट्रेट और न्यायिक कर्मचारियों को लेकर कोई बात नहीं कही गई. उन्होंने कहा कि प्रदेश की अदालतों में एसीजेएम स्तर के जज और 70 प्रतिशत न्यायिक कर्मचारी 45 साल से कम उम्र के हैं. लेकिन उनके प्रवेश पर कोई रोक नहीं है. फिर अधिवक्ताओं के साथ यह दोहरा रवैया क्यों?