राजस्थान विधानसभा में बाबाओं पर गदर, 3 बार स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही, जानें क्यों बरपा ये हंगामा?

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान आज इस कदर हंगामा बरपा कि सदन की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा. हो हल्ले और जबर्दस्त हंगामे के चलते घंटों तक सदन में कोई सार्थक चर्चा नहीं हो पाई. सदन में यह हंगामा कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार की एक दिन पहली बाबाओं को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर उपजा. उसके बाद बीजेपी के कट्टर हिन्दूवादी नेता एवं तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ समेत पूरा सत्ता पक्ष श्रवण कुमार की ओर से की गई टिप्पणी पर उनसे माफी की मांग पर अड़ गया.
दरअसल झुंझुनूं की सूरजगढ़ विधानसभा के विधायक श्रवण कुमार ने बुधवार को बाबाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बाबाओं ने देश का भट्टा बैठा दिया. उसके बाद आज सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने की इस मामले में कार्यवाही की मांग की. इस पर सदन में पक्ष और प्रतिपक्ष में तीखी नोक झोंक हो गई. उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार ने सनातन संस्कृति का अपमान किया है. हम आहत हुए हैं. इसे सहन नहीं करेंगे. यह आपत्तिजनक है. सनातन संस्कृति पर अनर्गल टिपण्णी को परंपरा बना ली गई है.
बालकनाथ बोले कांग्रेस ने पूरे संत समाज का अपमान किया हैउसके बाद बाबा बालकनाथ बोले कांग्रेस ने पूरे संत समाज का अपमान किया है. कांग्रेस क्या ये मानती है इस देश का भट्टा बाबा लोगों ने बिठा दिया. इस पर कांग्रेस के सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा कि भवावेश में उत्तेजना में कई बार ऐसे गतिरोध हो जाते हैं. अमर्यादित टिप्पणी भी हो जाती है. यह सामान्य चर्चा थी. इस पर उत्तेजना नहीं फैलानी चाहिए. अमर्यादित टिपण्णी है तो इसे कार्यवाही से विलोपित कीजिए. श्रवण कुमार ने किसी पर व्यक्तिगत टिपण्णी नहीं की.
पटेल बोले माफी मांगे बिना सदन में रहने का अधिकार नहीं हैंइस मंत्री जोगाराम पटेल बोले श्रवण कुमार को माफी मांगे बिना सदन में रहने का अधिकार नहीं हैं. माफी नहीं मांगेंगे तो निलंबन का प्रस्ताव लाया जाएगा. स्पीकर ने श्रवण कुमार का संबोधन पढ़कर सुनाया. स्पीकर बोले ये सदन की मर्यादा नहीं है. इसका श्रवण कुमार ने विरोध जताया. उसके बाद वहां वॉकयुद्ध छिड़ गया. इससे भारी हंगामा हो गया. हालात को देखते हुए सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने श्रवण को दी चेतावनीसदन की कार्यवाही दुबारा शुरू होने पर सत्तापक्ष ने श्रवण कुमार पर फिर से माफी मांगने का दबाव बनाया. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने श्रवण को भविष्य में ऐसे शब्द इस्तेमाल नहीं करने की दी हिदायत दी. लेकिन इससे भी सत्तापक्ष के रुख में नरमी नहीं आई. मुख्स सचेतक जोगेश्वर गर्ग बोले माफी नहीं मांगेंगे तो हम मामले का पटाक्षेप नहीं करेंगे.
विधानसभा में फिर बरपा हंगामाबाद में श्रवण कुमार के खड़े होते ही सत्तापक्ष के बाबा बालकनाथ ने विरोध जताया. श्रवण कुमार ने कहा कि दादागिरी नहीं चलेगी. मैं दादागिरी पसंद नहीं करता हूं. 40 साल में कभी विवादित टिप्पणी नहीं की. उन्होंने बालकनाथ की ओर इशारा करते कहा कि मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. बने नहीं मंत्री भी. बालकनाथ बोले क्या श्रवण जी अपने शब्दों पर अटल हैं. आपको घर से बाहर नहीं निकलने दूंगा. आप स्पष्ट करें नहीं तो पूरे देश के साधु संतों को आपके घर के बाहर इकट्ठा कर दूंगा. इस पर श्रवण कुमार ने कहा कि न पूछो मेरी मंजिल कहां है. अभी तो सफर का इरादा किया है. मेरी साधुओं के प्रति पवित्र भावना है. मैं चाहता हूं कोई मुझसे नाराज न हो.
आसन के आग्रह पर भी नहीं मानें बालकनाथश्रवण कुमार की टिपण्णी पर काफी देर तक गतिरोध बरकरार रहने के बाद उन्होंने स्पीकर को श्रवण कुमार ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में गलती नहीं दोहराई जाएगी. उसके बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई. लेकिन अनुदान मांगों पर जैसे ही श्रवण कुमार बोलने लगे तो बाबा बालकनाथ ने फिर विरोध जताया. आसन के आग्रह पर भी बालकनाथ नहीं माने. उसके बाद बाबा बालकनाथ और श्रवण कुमार में फिर तीखी बहस हुई. हंगामे के कारण तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 17:45 IST