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Folk Art: उदयपुर में सजी कठपुतलियों की अनोखी दुनिया, लोककला को दे रही नई जिंदगी, मिलेगा अनोखा अनुभव

Last Updated:May 10, 2025, 22:50 IST

Folk Art: कभी गांव-गांव घूमकर भाट जाति के लोग कठपुतली नाटकों के ज़रिए लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश दिया करते थे. ये नाटक राजा-रानी की कथाओं, धार्मिक प्रसंगों और जनजागृति के मुद्दों पर आधारित होते थ…और पढ़ेंX
कठपुतलियों
कठपुतलियों का संसार 

हाइलाइट्स

उदयपुर में बागोर की हवेली में कठपुतली संग्रहालय150 से अधिक रंग-बिरंगी कठपुतलियों से सजा है यह संग्रहालयभारतीय लोककला की भव्यता को दर्शाता है यह संग्रहालय

उदयपुर. बदलते समय के साथ जहां पुराने लोक कला रूप धीरे-धीरे गुमनामी की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं राजस्थान की ऐतिहासिक नगरी उदयपुर में स्थित बागोर की हवेली में बना कठपुतली का संसार आज भी इस लोक परंपरा को संजोए हुए है. यह विशेष संग्रहालय न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की झलक भी प्रस्तुत करता है.

बागोर की हवेली में बनाया गया कठपुतली का संसारकभी गांव-गांव घूमकर भाट जाति के लोग कठपुतली नाटकों के ज़रिए लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश दिया करते थे. ये नाटक राजा-रानी की कथाओं, धार्मिक प्रसंगों और जनजागृति के मुद्दों पर आधारित होते थे. हालांकि समय के साथ इनका प्रभाव कम हुआ, लेकिन बागोर की हवेली में बनाया गया कठपुतली का संसार आज भी इस कला को जीवित रखे हुए है.

150 से अधिक रंग-बिरंगी व कलात्मक कठपुतलियांयहां करीब 150 से अधिक रंग-बिरंगी व कलात्मक कठपुतलियां मौजूद हैं. इन कठपुतलियों को देखकर ऐसा लगता है जैसे अतीत का कोई दरबार जीवंत हो उठा हो. किसी में राजा-रानी दरबार में विराजमान हैं, तो कहीं दरबारी कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं. कई धार्मिक पात्रों को भी दर्शाया गया है, जिनमें महाराणा प्रताप जैसी ऐतिहासिक शख्सियतें भी सम्मिलित हैं. इन कठपुतलियों की डिजाइन इतनी खूबसूरत और बारीकी से की गई है कि हर कोई इन्हें देख मंत्रमुग्ध हो जाता है.

भारतीय लोककला की भव्यता को करते हैं महसूस इस अनोखे संग्रहालय का संचालन भीखाराम भाट कर रहे हैं, जो स्वयं इस कला के संरक्षक हैं. उन्होंने बताया कि पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की सहायता से इस कठपुतली संसार की स्थापना की गई, जिससे यह विलुप्त होती लोक कला फिर से जीवित हो सके. यहां देसी ही नहीं, विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और इस परंपरा से रूबरू होकर भारतीय लोककला की भव्यता को महसूस करते हैं.

भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक अहम जरियाबागोर की हवेली का यह कठपुतली संग्रहालय न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह राजस्थान की लोक कला और इतिहास को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक अहम जरिया बन गया है. अगर आप भी इस विलक्षण कला से सजी दुनिया को देखना चाहते हैं, तो उदयपुर की यात्रा अवश्य करें.

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राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का अनोखा उदाहरण ‘कठपुतली का संसार’

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